नई दिल्ली: सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत दूसरे अहम मुद्दों पर चर्चा के राजी है, बल्कि ये नियम के मुताबिक हों। रविवार को बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंक्षी किरेन रिजिू ने कहा कि सरकार पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन ये नियम के मुताबिक होना चाहिए। संसद की एनेक्सी में डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्रकारों को मीटिंग का ब्योरा देते हुए इसकी जानकारी दी।
हालांकि इस दौरान विपक्षी दलों ने भी साफ कर दिया कि वो कई अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुके हैं। विपक्ष ने इस बैठक में जोर देकर कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि विदेश नीति से लेकर इंटेलीजेंस फेलियर तक के मुद्दों पर देश को जानकारी देने के लिए संसद में पीएम मोदी खुद ही मौजूद होंगे। बैठक में विपक्ष ने पहगाम हमले पर इंटेलीजेंस फेलियोर, भारत पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर सरकार के स्टैंड, विवादों में आई बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण और मणिपुर के हालात जैसे मुद्दों को उठाया।
कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष उम्मीद करता है कि प्रधानमंत्री मोदी इन सभी मुद्दों पर बयान देंगे। सरकार की ओर से इस बैठक में संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और डॉ मुरुगन भी मौजूद थे। बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, एनसीपी -शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, बीजेडी के सस्मित पात्रा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव समेत कई दूसरे नेता मौजूद थे, कुल मिलाकर 41 सांसदों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
नियमों के मुताबिक चर्चा के लिए तैयार सरकार रिजिजू ने कहा, 'सरकार ने विपक्ष के नेताओं की राय सुनी, हम इन सभी मुद्दों को संसद में ले जाएगे, और क्या चर्चा करनी है और क्या नहीं, यह बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में तय होगा। कई मुद्दे ऐसे हैं जिन पर पार्टियों ने कहा है कि उन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। हम हर खुले दिल से हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन ये नियमों और परंपराओं के अनुसार होना चाहिए।' रिजिजू ने कहा कि सरकार नियम के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमने सभी दलों से इस बात का आग्रह किया है कि सदन के सही परिचालन के लिए ना सिर्फ सरकार बल्कि विपक्ष भी जिम्मेदार है। विपक्ष की इस सदन में पीएम के बयान से जुड़ी मांग पर रिजिजू ने कहा कि विदेशी दौरे के वक्त छोड़ दें तो सत्र के दौरान हमेशा सदन में मौजूद होते हैं।ऐसे में हर समय पीएम को हर बात में बिना मतलब घसीटना सही नहीं, संसद में जिस मंत्रालय की चर्चा होती है, उस दौरान वो मंत्री होते ही हैं। रिजिजू ने कहा कि कि छोटे दलों को को पर्याप्त समय में अपनी बात रखने को लेकर सहमति भी बनी है। हालांकि इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के सामने उठाने के बाद बीएसी में भी उठाया जाएगा ।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ आएगा महाभियोग प्रस्ताव?जली हुई नकदी मिलने के बाद से मुश्किल में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया इसी सत्र में आ सकती है। रिजिजू ने बताया कि इसे लेकर 100 से ज्यादा सांसदों ने अब तक दस्तखत किए हैं। हालांकि इस सवाल के जवाब में कि मानसून सेशन में इस मुद्दे पर सरकार विचार करेगी या नहीं, इस पर रिजिजू बोले कि इस प्रक्रिया पर फैसला सभी पार्टियां मिलकर करेगी। यह अकेले सरकार का काम नहीं है।
कांग्रेस ने कहा- पीएम मोदी अहम मुद्दों पर दें बयान
संसद में बहस होनी चाहिए। वहीं एनसीपी की सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का मामला भी उठाया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले संबंधी ट्रंप के दावों पर संसद में बयान देना चाहिए।
हालांकि इस दौरान विपक्षी दलों ने भी साफ कर दिया कि वो कई अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुके हैं। विपक्ष ने इस बैठक में जोर देकर कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि विदेश नीति से लेकर इंटेलीजेंस फेलियर तक के मुद्दों पर देश को जानकारी देने के लिए संसद में पीएम मोदी खुद ही मौजूद होंगे। बैठक में विपक्ष ने पहगाम हमले पर इंटेलीजेंस फेलियोर, भारत पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे पर सरकार के स्टैंड, विवादों में आई बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण और मणिपुर के हालात जैसे मुद्दों को उठाया।
कांग्रेस ने कहा कि विपक्ष उम्मीद करता है कि प्रधानमंत्री मोदी इन सभी मुद्दों पर बयान देंगे। सरकार की ओर से इस बैठक में संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और डॉ मुरुगन भी मौजूद थे। बैठक में कांग्रेस के गौरव गोगोई और जयराम रमेश, एनसीपी -शरदचंद्र पवार की सुप्रिया सुले, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, बीजेडी के सस्मित पात्रा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव समेत कई दूसरे नेता मौजूद थे, कुल मिलाकर 41 सांसदों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
नियमों के मुताबिक चर्चा के लिए तैयार सरकार रिजिजू ने कहा, 'सरकार ने विपक्ष के नेताओं की राय सुनी, हम इन सभी मुद्दों को संसद में ले जाएगे, और क्या चर्चा करनी है और क्या नहीं, यह बीएसी (कार्य मंत्रणा समिति) में तय होगा। कई मुद्दे ऐसे हैं जिन पर पार्टियों ने कहा है कि उन पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। हम हर खुले दिल से हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन ये नियमों और परंपराओं के अनुसार होना चाहिए।' रिजिजू ने कहा कि सरकार नियम के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर जैसे अहम मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमने सभी दलों से इस बात का आग्रह किया है कि सदन के सही परिचालन के लिए ना सिर्फ सरकार बल्कि विपक्ष भी जिम्मेदार है। विपक्ष की इस सदन में पीएम के बयान से जुड़ी मांग पर रिजिजू ने कहा कि विदेशी दौरे के वक्त छोड़ दें तो सत्र के दौरान हमेशा सदन में मौजूद होते हैं।ऐसे में हर समय पीएम को हर बात में बिना मतलब घसीटना सही नहीं, संसद में जिस मंत्रालय की चर्चा होती है, उस दौरान वो मंत्री होते ही हैं। रिजिजू ने कहा कि कि छोटे दलों को को पर्याप्त समय में अपनी बात रखने को लेकर सहमति भी बनी है। हालांकि इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के सामने उठाने के बाद बीएसी में भी उठाया जाएगा ।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ आएगा महाभियोग प्रस्ताव?जली हुई नकदी मिलने के बाद से मुश्किल में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया इसी सत्र में आ सकती है। रिजिजू ने बताया कि इसे लेकर 100 से ज्यादा सांसदों ने अब तक दस्तखत किए हैं। हालांकि इस सवाल के जवाब में कि मानसून सेशन में इस मुद्दे पर सरकार विचार करेगी या नहीं, इस पर रिजिजू बोले कि इस प्रक्रिया पर फैसला सभी पार्टियां मिलकर करेगी। यह अकेले सरकार का काम नहीं है।
कांग्रेस ने कहा- पीएम मोदी अहम मुद्दों पर दें बयान
- बैठक के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि इस बार उम्मीद है कि पीएम मोदी नरेंद्र मोदी संसद के जरिए देश को संबोधित करेंगे।उन्होंने कहा कि पहला मु्द्दा पहलगाम आतंकी हमले का है और उस पर राज्यपाल की ओर से दिए गए बयान गंभीर है, सरकार को इस मसले पर अपनी पोजिशन साफ तौर से संसद के सामने रखनी चाहिए।
- विदेश नीति, खासतौर से चीन और पड़ोस में डिप्लोमेसी की चुनौतियों के साथ साथ फिलीस्तीन पर भारत के बदले स्टैंड पर चर्चा होनी चाहिए । कांग्रेस नेता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की ओर से लगातार दिए रहे बयानों का मामला उठाते हुए कहा कि इस पर जवाब सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री ही दे सकते हैं।
- गोगोई ने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के मद्देनजर राजनीतिक दलों से संवाद से बच रहा है, स्पष्टता नहीं दे रहा है । कांग्रेस का आरोप है कि इससे बिहार, बंगाल, असम समेत दूसरे राज्यों में लोगों को वोट के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
- इसके साथ ही पार्टी जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और मणिपर के हालात पर चर्चा की मांग कर रही है, समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति पूरी तरह से फेल हो गई है। कूटनीतिक तौर पर भारत अलग थलग हो गया। पहले कुछ देश भारत के साथ खड़े दिखते थे।
- आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिहं ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को मतदान सूची की सत्यापन प्रक्रिया, जहां झुग्गी वहां मकान और प्लेन क्रैश जैसे अहम मामलों पर जवाब देना चाहिए। एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि इंडिया ब्लॉक सिर्फ लोकसभा चुनावों के लिए था। आप' विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है।
संसद में बहस होनी चाहिए। वहीं एनसीपी की सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का मामला भी उठाया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले संबंधी ट्रंप के दावों पर संसद में बयान देना चाहिए।
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