पटना: एक तरफ बिहार में एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक अंदरुनी घमासान नहीं थमा है तो वहीं तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान में तीन पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है। इसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तीसरे मोर्चे की तरह देखा जा रहा है।
ओवैसी, आजाद और मौर्य की पार्टी ने किया गठबंधन
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने बुधवार को चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी (AJP) के साथ चुनावी गठबंधन कर लिया है, जो बिहार में तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। इस मौके पर एआईएमआईएम के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि दलितों और समाज के वंचित वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन बनाया गया है और यह सांप्रदायिकता और अवसरवाद की राजनीति के खिलाफ काम करेगा।' उन्होंने कहा कि 'बिहार की 20% दलित आबादी, 18% अल्पसंख्यक और विभिन्न ओबीसी समुदायों की उपेक्षा की गई है।'
ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस का दिया नाम
असदुद्दीन ओवैसी, चंद्रशेखर आजाद और स्वामी प्रसाद मौर्य के इस गठबंधन को ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस का नाम दिया गया है। गठबंधन ने सीट बंटवारा भी कर लिया है। इसमें AIMIM बिहार की 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। जबकि आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर और स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी 4 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी। एक अखबार को सूत्रों ने बताया बताया है कि गठबंधन तय करेगा कि वह और सीटों पर चुनाव लड़ेगा या नहीं।
AIMIM ने राजद से लिया बदला!
AIMIM का कहना है कि उसने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए महागठबंधन में शामिल होने का राजद को ऑफर भी दिया था। लेकिन राजद ने उसे नजरअंदाज कर दिया। दूसरी तरफ एसपी (कांशीराम) की बिहार इकाई के प्रमुख जौहर आजाद ने भी AIMIM की बात को दोहराया। आजाद ने कहा कि 'हम वंचित तबकों के मुद्दों के लिए लड़ेंगे और गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे।' उन्होंने आगे बताया कि नगीना के सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद 22 अक्टूबर को बिहार में अपना अभियान शुरू करेंगे।
दो पार्टियां 2020 में अकेले लड़ चुकीं बिहार चुनाव
एआईएमआईएम और एएसपी (कांशीराम) दोनों ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधनों के तहत लड़े थे। ओवैसी की पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जो एनडीए का हिस्सा है) के साथ गठबंधन किया था, जबकि आजाद ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के साथ गठबंधन किया था, जिसका अब कांग्रेस में विलय हो गया है। एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटें जीती थीं, जबकि एएसपी (कांशीराम) 28 सीटों पर चुनाव लड़कर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
क्या तीसरा मोर्चा कामयाब होगा?
अब सियासी गलियारे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या तीसरा मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव में कामयाब हो पाएगा। हालांकि ये भी माना जा रहा है कि सीमांचल में ओवैसी ने जिस तरह से अपनी पैठ बढ़ाई है, इसे बढ़ाकर वो आगे भी ले जाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इन दो पार्टियों के साथ गठबंधन किया है।
ओवैसी, आजाद और मौर्य की पार्टी ने किया गठबंधन
असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने बुधवार को चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और स्वामी प्रसाद मौर्य की अपनी जनता पार्टी (AJP) के साथ चुनावी गठबंधन कर लिया है, जो बिहार में तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने की कोशिश कर रही है। इस मौके पर एआईएमआईएम के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि दलितों और समाज के वंचित वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गठबंधन बनाया गया है और यह सांप्रदायिकता और अवसरवाद की राजनीति के खिलाफ काम करेगा।' उन्होंने कहा कि 'बिहार की 20% दलित आबादी, 18% अल्पसंख्यक और विभिन्न ओबीसी समुदायों की उपेक्षा की गई है।'
ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस का दिया नाम
असदुद्दीन ओवैसी, चंद्रशेखर आजाद और स्वामी प्रसाद मौर्य के इस गठबंधन को ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस का नाम दिया गया है। गठबंधन ने सीट बंटवारा भी कर लिया है। इसमें AIMIM बिहार की 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। जबकि आजाद समाज पार्टी 25 सीटों पर और स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी 4 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी। एक अखबार को सूत्रों ने बताया बताया है कि गठबंधन तय करेगा कि वह और सीटों पर चुनाव लड़ेगा या नहीं।
AIMIM ने राजद से लिया बदला!
AIMIM का कहना है कि उसने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए महागठबंधन में शामिल होने का राजद को ऑफर भी दिया था। लेकिन राजद ने उसे नजरअंदाज कर दिया। दूसरी तरफ एसपी (कांशीराम) की बिहार इकाई के प्रमुख जौहर आजाद ने भी AIMIM की बात को दोहराया। आजाद ने कहा कि 'हम वंचित तबकों के मुद्दों के लिए लड़ेंगे और गुरुवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेंगे।' उन्होंने आगे बताया कि नगीना के सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद 22 अक्टूबर को बिहार में अपना अभियान शुरू करेंगे।
दो पार्टियां 2020 में अकेले लड़ चुकीं बिहार चुनाव
एआईएमआईएम और एएसपी (कांशीराम) दोनों ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव अलग-अलग गठबंधनों के तहत लड़े थे। ओवैसी की पार्टी ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (अब राष्ट्रीय लोक मोर्चा, जो एनडीए का हिस्सा है) के साथ गठबंधन किया था, जबकि आजाद ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के साथ गठबंधन किया था, जिसका अब कांग्रेस में विलय हो गया है। एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटें जीती थीं, जबकि एएसपी (कांशीराम) 28 सीटों पर चुनाव लड़कर एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
क्या तीसरा मोर्चा कामयाब होगा?
अब सियासी गलियारे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या तीसरा मोर्चा बिहार विधानसभा चुनाव में कामयाब हो पाएगा। हालांकि ये भी माना जा रहा है कि सीमांचल में ओवैसी ने जिस तरह से अपनी पैठ बढ़ाई है, इसे बढ़ाकर वो आगे भी ले जाना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इन दो पार्टियों के साथ गठबंधन किया है।
You may also like
Sarkari Job 2025: 40 साल वाले भी पा सकते हैं ये सरकारी नौकरी, 600 पदों पर निकली नई भर्ती, यहां भरें फॉर्म
पंकज धीर का निधन: कैंसर से जूझते सितारों की यादें
'आप वास्तव में तभी असफल होते हैं', पर्थ में उतरने से पहले कोहली का सोशल मीडिया पोस्ट वायरल
Beauty Tips: पपीते का इस प्रकार कर लें उपयोग, बढ़ जाएगी चेहरे की खूबसूरती
पराई औरत के लिए बीवी को छोड़ा पत्नी की लग` गई 2 करोड़ की लॉटरी फिर जो हुआ आप सोच भी नहीं सकते