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Delhi News: AAP विधायक को मजिस्ट्रेट ने दी राहत, भ्रष्टाचार की शिकायत पर संज्ञान लेने से किया इनकार

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नई दिल्ली: राउज एवेन्यू की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने करोल बाग से आम आदमी पार्टी(आप) विधायक विशेष रवि और प्रसाद नगर थाने के एसएचओ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों वाली एक शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने विधायक विशेष रवि और अन्य के खिलाफ दीपक कुमार की शिकायत ठुकराई।शिकायत में लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए अदालत ने कहा कि यदि यह मान भी लिया जाए कि धन का दुरुपयोग किया गया या खरीदे गए उपकरणों का दुरुपयोग हुआ है, तो इसे आपराधिक विश्वासघात नहीं माना जा सकता है, क्योंकि शिकायत के तथ्यों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो शिकायतकर्ता को मामले में याचिका दायर करने का अधिकार देता हो। अदालत पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट नहीं मांग सकतीजहां तक भ्रष्टाचार के आरोपों का सवाल है तो उस पर मजिस्ट्रेट अदालत का रुख यह रहा कि चूंकि वह भ्रष्टाचार के अपराधों का संज्ञान नहीं ले सकती, इसलिए वह पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट(एटीआर) नहीं मांग सकती। अदालत के आदेश के मुताबिक, मौजूदा मामले में ऐसा कोई अपराध नहीं बनता है, जिसका न्यायिक संज्ञान यह अदालत ले सके। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर इसमें भ्रष्टाचार के आरोप बनते हों, तो संबंधित अदालत(सीबीआई और पीसी एक्ट के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत) द्वारा उनकी जांच की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि केवल कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन आपराधिक अभियोजन को जन्म नहीं दे सकता है।कुमार ने खुद को पहाड़गंज स्थित स्पीक लाउडली पब्लिक ट्रस्ट नाम की एक संस्था का प्रेसिडेंट बताया। उन्होंने प्रस्तावित आरोपियों के खिलाफ सार्वजनिक कामों के नाम पर कथित भ्रष्टाचार के आरोपों में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की। क्या था आरोपआरोप लगाया कि मौजूदा विधायक विशेष रवि ने ए. सुरन कुमार सिंह (ईई, सिविल डिवीजन नंबर-II, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग) और बीआर अंबेडकर चौपाल और लाइब्रेरी, माता रामेश्वरी नेहरू नगर के मैनेजरों और अन्य अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया। शिकायतकर्ता के आरोप के मुताबिक, इन लोगों ने स्थानीय विकास परियोजनाओं के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग करके सत्ता का गलत इस्तेमाल किया और सरकारी खजाने को अवैध नुकसान पहुंचाया।अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 05 मई 2022 को सार्वजनिक दस्तावेज विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली सरकार, शहरी विकास विभाग ने साल 2022-23 के लिए विधायक निधि (MLALAD) के तहत सार्वजनिक कामों के लिए 52.88 लाख रुपये मंजूर किए थे, जिसमें 5 गोल मेज बेंच, 2 एयर कंडीशनर लगाना, 8 बूम बैरियर लगाना, पोर्टेबल पीए सिस्टम की स्थापना के साथ-साथ खेल उपकरण भी स्थापित किए जाने थे। शिकायतकर्ता का मामला यह है कि इस पर अमल की जानकारी मांगते हुए एक आरटीआई दायर की गई । उस पर जो जवाब मिला और उनके द्वारा फिजिकल इंस्पेक्शन के अनुसार, यह तर्क दिया गया कि ऐसा कोई एयर कंडीशनर नहीं लगाया गया था, बीआर अंबेडकर चौपाल में 2 पुराने एयर कंडीशनर लगे थे, लेकिन वे विनिर्देशों को पूरा नहीं करते थे और सस्ती किस्म के थे। दावा किया कि आरोपी व्यक्तियों ने परियोजना के पूरा होने का झूठा दावा किया है और आरोपियों ने बीएनएस, 2023 की धारा 318 (4), 316 (2), 61 (2) और 3 (5) के तहत संज्ञेय अपराध किया है।
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