कुछ कपल्स की प्रेग्नेंसी जर्नी बहुत ही आराम से निकल जाती है। उन्हें कोई बड़ी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है और बच्चा भी समय पर और सुरक्षित पैदा होता है। लेकिन हर किसी का अनुभव ऐसा नहीं होता है। कई प्रेग्नेंट लेडीज को गर्भावास्था के दौरान कई तरह की कॉम्प्लिकेशन झेलने पड़ जाते हैं।इन दिक्कतों में कभी मां की तबीयत से जुड़ी परेशानी होती है, तो कभी बच्चे से जुड़ी कोई गंभीर स्थिति सामने आती है। वहीं ऐसी ही एक समस्या पर नजर डाले तो यह है कि जब बच्चा गर्भ में ही पॉटी कर देता है। ये सुनने में भले ही आम लगे, लेकिन कई बार ये बच्चे की जान पर भी बन सकती है। फोटो: Freepik न्यू बॉर्न बेबी के पहले मल को मेकोनियम कहा जाता है। Cleveland clinic के अनुसार, मेकोनियम काला, गाढ़ा और चिपचिपा होता है। आमतौर पर यह बच्चे के जन्म के बाद निकलता है। कुछ मामलों में यह गर्भ में रहते हुए भी निकल सकता है। हालांकि, इसे सांस के ज़रिए अंदर लेने से गंभीर श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।Cleveland clinic के अनुसार, बच्चे का मल गाढ़ा और चिपचिपा होता है जब यह पदार्थ सांस के साथ अंदर जाता है या सांस के जरिए अंदर जाता है, तो यह भ्रूण के वायुमार्ग को ब्लॉक कर सकता है और उसे सांस लेने में मुश्किल पैदा कर सकता है। वहीं, इस स्थिति को मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम (MAS) कहा जाता है। MAS एक गंभीर श्वसन समस्या है, जिसमें बच्चे को ठीक से सांस लेने में तकलीफ होती है। वहीं, अधिकतर मामलों में इसका इलाज संभव है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।वहीं, इस संबंध में डॉक्टर अंकिता Mago ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो साझा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी दी है। वह बताती हैं कि लेबर पेन शुरू होते ही पानी की थैली (वाटर ब्रेक) फटना जरूरी नहीं होता। कई बार डिलीवरी पेन आने के बावजूद भी पानी की थैली नहीं फटती है। इसलिए महिलाओं को इस बात को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए । हालांकि कुछ मामलों में थैली को तोड़ना पड़ता है, खासकर तब जब यह जांचना जरूरी हो कि कहीं बच्चे ने गर्भ में मल तो नहीं त्याग दिया है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मल का रंग देखा जा सके, जिससे यह पता चल सके कि उसमें मेकोनियम तो नहीं है, क्योंकि अगर मेकोनियम बच्चे की सांस की नली या फेफड़ों में चला जाए, तो यह उसके लिए हानिकारक हो सकता है। डिस्क्लेमर: लेख में दी गई जानकारी व दावे पूरी तरह से इंस्टाग्राम पर प्रकाशित रील पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। किसी भी तरह के नुस्खे को आजमाने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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