क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष यात्री अपने कपड़े कैसे धोते हैं? अब तक इस सवाल का जवाब यही था कि वे गंदे कपड़े पहनते रहते हैं, और मिशन के दौरान नए कपड़े इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है। चीन ने एक ऐसी अत्याधुनिक वॉशिंग मशीन विकसित की है, जो अंतरिक्ष में बिना डिटर्जेंट और बहुत कम पानी के कपड़ों को साफ कर सकती है।
इस नवाचार के साथ चीन ने अंतरिक्ष विज्ञान की दिशा में एक और बड़ी छलांग लगाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मशीन न सिर्फ कपड़े धोने में सक्षम है, बल्कि अत्यधिक सीमित संसाधनों में ‘जिद्दी दाग’ भी हटा सकती है, और वह भी बिना किसी साबुन या डिटर्जेंट के।
इस मशीन को चीन के एक प्रमुख एयरोस्पेस संस्थान ने विकसित किया है, और यह खासतौर पर दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों जैसे चंद्रमा और मंगल मिशन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। फिलहाल, अंतरिक्ष में भेजे गए कपड़े वापस धरती पर नहीं आते। ऐसे में एक ऐसी तकनीक की जरूरत महसूस की जा रही थी, जो कपड़ों की धुलाई को संभव बना सके।
चीन की इस नई तकनीक में विशेष अल्ट्रासोनिक वेव्स और हाई-प्रेशर एयर फ्लो का इस्तेमाल होता है, जिससे कपड़ों की गहराई तक जमी गंदगी हटाई जा सकती है। साथ ही, इस प्रक्रिया में पानी की मात्रा बेहद सीमित होती है — जो अंतरिक्ष जैसे संसाधन-संवेदनशील वातावरण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज मानव अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। अगर यह तकनीक सफल रहती है, तो भविष्य में अंतरिक्ष में रहने वाले वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों को भारी मात्रा में कपड़े ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे वजन, ईंधन और लागत तीनों की बचत होगी।
नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने भी इस विकास पर उत्सुकता दिखाई है और माना जा रहा है कि आने वाले वर्षों में ऐसी ही तकनीकों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जा सकता है।
भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का भी मानना है कि इस प्रकार की खोजों से दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों को व्यवहारिक और टिकाऊ बनाया जा सकता है। जैसे-जैसे मानव अंतरिक्ष में अधिक समय बिताने लगेगा, ऐसे नवाचारों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
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