लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के बाद अब चीन की कंपनियां भी रूसी तेल से दूरी बनाने लगी हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार चीन की सरकारी कंपनियां सिनोपेक और पेट्रोचाइना ने हाल ही में रूस से तेल की कई खेपें रद्द कर दी हैं। इन कंपनियों ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि अमेरिका ने पिछले महीने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों रॉसनेफ्ट और लुकोइल पर सख्त आर्थिक पाबंदियां लगाई थीं।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन की छोटी निजी रिफाइनरियां, जिन्हें “टीपॉट्स” कहा जाता है, भी अब रूसी तेल खरीदने से हिचक रही हैं। इन कंपनियों को डर है कि यदि उन्होंने रूस से सौदा किया, तो उन पर भी वैसे ही प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं जैसे हाल ही में ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने शानडोंग युलोंग पेट्रोकेमिकल कंपनी पर लगाए थे। उधर भारत की तेल कंपनियां भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज और अन्य भारतीय रिफाइनरियां सरकार की गाइडलाइंस के अनुरूप अपनी रूसी तेल खरीद में बदलाव कर रही हैं। सरकारी तेल कंपनियां अब हर शिपमेंट की अतिरिक्त जांच कर रही हैं ताकि किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का उल्लंघन न हो। रूस के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका, यूके और यूरोपीय संघ ने रूस की ऊर्जा आय को सीमित करने के लिए सख्त कदम तेज किए हैं। इसका असर अब वैश्विक तेल व्यापार पर भी साफ दिखने लगा है।
You may also like

Sofia Ansari Sexy Video : सोफिया अंसारी का सेक्सी वीडियो वायरल, हाफ न्यूड लुक देख पागल हुए फैंस

पहली तीन तिमाहियों में 79 खरब युआन तक पहुंचा चीन का समुद्री सकल घरेलू उत्पाद

Human Body Parts Parcel : ऑनलाइन मंगाई दवा, लेकिन बॉक्स में मिले दो कटे हाथ और उंगलियां

PAK vs SA 1st ODI: फैसलाबाद में चमके क्विंटन डी कॉक, साउथ अफ्रीका ने पाकिस्तान को दिया 264 रनों का लक्ष्य

फुटबॉल: भारत अंडर-23 पुरुष टीम थाईलैंड के खिलाफ दोस्ताना मैच खेलेगी





