बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर छठ पूजा के दौरान बिहार के लिए पर्याप्त स्पेशल ट्रेनें उपलब्ध न कराने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की लापरवाही और असंवेदनशील रवैये के चलते लाखों प्रवासी बिहारी आज भीषण कठिनाइयों में घर लौटने को मजबूर हैं।
छठ पर्व पर अव्यवस्था का आरोप
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री द्वारा किए जा रहे दावे झूठे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का कहना है कि बिहार के लिए 13,000 में से 12,000 विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि लोग भीड़भरी ट्रेनों में शौचालयों और दरवाजों पर लटककर सफर कर रहे हैं। तेजस्वी ने इसे “अमानवीय स्थिति” बताया और कहा कि केंद्र सरकार की उदासीनता ने “आस्था के पर्व” छठ को भी राजनीति का हिस्सा बना दिया है।
“हमारी सरकार बनी तो कोई परेशान नहीं होगा”
तेजस्वी यादव ने लोगों से अपील की कि वे आगामी चुनावों में राजद और ‘इंडिया’ गठबंधन को समर्थन दें। उन्होंने कहा, “अगर हमारी सरकार बनी, तो अगले साल किसी बिहारी को छठ पर घर लौटने में मुश्किल नहीं होगी। हम बिहार में इतनी नौकरियां देंगे कि किसी को दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि इस छठ पर घर लौटे प्रवासी मजदूरों से मेरा अनुरोध है — “ठेकुआ जरूर खाइए, लेकिन बिना वोट डाले वापस मत जाइए। हमारा वादा है कि हम हर परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे।”
ट्रेन में अफरा-तफरी, यात्रियों की जान खतरे में
तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा किए, जिनमें ट्रेनें यात्रियों से खचाखच भरी हुई दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बिहार लौट रहे लोगों को “जानवरों की तरह यात्रा करने” पर मजबूर किया जा रहा है। कुछ लोग घंटों तक ट्रेन के दरवाजे पर लटककर सफर कर रहे हैं, तो कुछ शौचालय में बैठकर घर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति केंद्र की “बिहार विरोधी मानसिकता” को दर्शाती है। “यह सिर्फ ट्रेन की कमी नहीं, बल्कि प्रवासी बिहारी मजदूरों की उपेक्षा की कहानी है,” तेजस्वी ने कहा।
प्रवासियों की संख्या और आगामी चुनाव
तेजस्वी ने संसद में पेश आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि बिहार के लगभग तीन करोड़ प्रवासी श्रमिक पंजीकृत हैं, जबकि अपंजीकृत श्रमिकों को मिलाकर यह संख्या करीब पांच करोड़ तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में केंद्र को इन प्रवासियों के लिए पर्याप्त ट्रेनें और सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए थीं।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान 6 और 11 नवंबर को होना है, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। तेजस्वी के इस बयान से न सिर्फ छठ पर्व बल्कि राज्य का राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है।
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