जयपुर। राजधानी जयपुर में मंगलवार का दिन अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई के नाम रहा। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने शहर के दो अलग-अलग इलाकों में बनाई गई अवैध बहुमंजिला इमारतों को सील कर दिया, वहीं कई नई अवैध कॉलोनियों को भी ध्वस्त किया गया। गांधीपथ पश्चिम के चित्रकूट सेक्टर-2 में पांच मंजिला पीएसजे ज्वेलर्स बिल्डिंग को सील किया गया, जो व्यावसायिक उपयोग के लिए बनाई जा रही थी। इस इमारत में बेसमेंट से लेकर ऊपर तक नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किया गया था, जिसे लेकर पहले ही नोटिस जारी किया गया था। मगर तय समय में अवैध निर्माण नहीं हटाने पर JDA की टीम ने मौके पर पहुंचकर बिल्डिंग को सील कर दिया।
दूसरी ओर, जयपुर के बाहरी इलाके दहमीकलां में ऑफिसर्स कॉलोनी के भीतर चार मंजिला अवैध हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा था। यहां भी निर्माण को लेकर पहले से ही नोटिस दिया गया था, परन्तु अवहेलना के चलते JDA ने इस हॉस्टल को भी सील कर दिया।
अवैध निर्माण के खिलाफ यह कार्रवाई यहीं नहीं रुकी। JDA ने दहमीकलां, वाटिका और पुरुषोत्तमपुरा जैसे क्षेत्रों में नई विकसित की जा रही अवैध कॉलोनियों पर भी बुलडोज़र चलाया। दहमीकलां में लगभग 3 बीघा कृषि भूमि पर "7-आरजी" नाम से अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी, जिसमें मिट्टी-ग्रेवल की सड़कें, बाउंड्री वॉल और अन्य निर्माण कर लिए गए थे। पूरी कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया गया। इसी तरह वाटिका के निंबी रोड पर करीब 2 बीघा में विकसित की जा रही नई अवैध कॉलोनी को भी तोड़ा गया, जहां ट्री-गार्ड, सड़कें और अन्य निर्माण किए गए थे।
पुरुषोत्तमपुरा, जिसे स्थानीय लोग दादिया के नाम से भी जानते हैं, वहां भी करीब 6 बीघा कृषि भूमि पर कॉलोनी बसाई जा रही थी। यहां पर भी JDA की टीम ने मौके पर जाकर पूरी कॉलोनी को उजाड़ दिया।
जगतपुरा 7 नम्बर चौराहे पर फिर काबिज हुए अतिक्रमी
इन कार्यवाहियों के अलावा, शहर के जगतपुरा इलाके में भी JDA ने सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाया। सात नंबर बस स्टैंड से लेकर एसकेआईटी रोड, सीबीआई फाटक से लेकर महल रोड और एनआरआई चौराहे तक दोनों ओर फैले अस्थायी अतिक्रमणों को भी हटाया गया, ताकि ट्रैफिक में अवरोध न हो और सार्वजनिक जमीन को मुक्त किया जा सके।
हालांकि मंगलवार को दोपहर बाद हुई इस कार्यवाही का असर कुछ घंटे ही नजर आया। शाम 7 बजे बाद थड़ी ठेले वालों ने फिर से अपनी-अपनी दुकानों को सड़क किनारे और स्लीप लेन के सहारे लगा लिया। जब इन लोगों से बात की गई तो इन्होंने कहा कि यह तो अब आए दिन का खेल हो गया है। निगम वाले कुछ भी करें हमारे ऊपर कोई असर नहीं होगा। हम फिर यहाँ पर आएंगे।
जगतपुरा 7 नम्बर का चौराहा इन अतिक्रमियों के चलते सुबह और शाम के वक्त जाम से भरा रहता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा इस जाम को मुक्त करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इन अतिक्रमियों की वजह से लगने वाले इस जाम के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं।
जयपुर विकास प्राधिकरण की यह सख़्त कार्रवाई यह संदेश देती है कि शहर में अब नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे वह बहुमंजिला व्यावसायिक बिल्डिंग हो या फिर अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी — हर प्रकार के गैरकानूनी निर्माण पर सख्ती से निपटा जाएगा। जेडीए के उप महानिरीक्षक पुलिस राहुल कोटोकी के अनुसार, सेटबैक और भवन निर्माण के नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ यही रुख आगे भी जारी रहेगा।
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