राजस्थान की राजनीति में नरेश मीणा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। जेल से रिहाई के बाद अब वह "जन क्रांति यात्रा" के जरिए राजनीतिक मैदान में सक्रियता दिखा रहे हैं। यह यात्रा हाड़ौती अंचल की राजनीतिक सरगर्मियों को हवा दे सकती है, जिसकी शुरुआत धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम से हो रही है।
यात्रा के कोऑर्डिनेटर सोहाग मीणा ने बताया कि यह यात्रा 8 दिनों तक चलेगी और 150 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करेगी। यात्रा का समापन 28 जुलाई को कोटा जिले के त्रिकुटा माता मंदिर में होगा। नरेश मीणा पूरे रास्ते अपने समर्थकों के साथ पैदल मार्च करेंगे। सोहाग मीणा ने बताया कि नरेश मीणा की जन क्रांति यात्रा को लेकर हाड़ौती भर में उनके समर्थकों में खासा उत्साह है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा हाड़ौती में आठ दिनों तक चलेगी तथा 21 जुलाई से शुरू होकर 28 जुलाई 2025 को कोटा जिले में जाकर समाप्त होगी।
यात्रा के पहले दिन नरेश मीणा कामखेड़ा के प्रसिद्ध बालाजी मंदिर पर अपने समर्थकों के साथ पूजा अर्चना करेंगे बाद में नरेश मीणा का संबोधन रखा गया है। इसके बाद वह झालावाड़ जिले के अकलेरा पहुंच कलमोदिया चौराहा होते हुए करीब 14 किलोमीटर दूर हरनावदा में रात्रि विश्राम करेंगे। अगले दिन 23 जुलाई को हरनावदा से छीपाबड़ौद जाने का प्रोग्राम तय है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा छीपाबड़ौद से खरखड़ा राम लोथन बपावर पनाहेड़ा कैथून होते हुए कोटा के त्रिकुटा माता मंदिर तक पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि यह यात्रा एक जन आंदोलन के रूप में निकाली जा रही है जिसका मकसद भ्रष्टाचार, नशाखोरी, प्रशासनिक लापरवाही और अन्य सामाजिक व न्याय संबंधी मुद्दों को जनता के बीच लाना है।
बारां पहुंचने पर नरेश मीणा का हुआ जोरदार स्वागत
जन क्रांति यात्रा की शुरुआत से पहले इटावा से मांगरोल पहुंचे नरेश मीणा को देखने के लिए उनके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। बारां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने उनका जबरदस्त स्वागत किया इस दौरान नरेश मीणा जहां से गुजरे उनके के साथ गाड़ियों का काफिला भी जुड़ता चला गया। समर्थक भी उनको अपने बीच पाकर काफी उत्साहित दिखे। रास्ते मे गांव ढाणी व कस्बो में जगह-जगह नरेश मीणा के समर्थकों ने उन्हें फूल मालाओं से लादकर उनका स्वागत किया।
जेल से रिहाई के बाद पहली बड़ी राजनीतिक पहल, राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज
गौरतलब है कि एसडीएम को थप्पड़ मारने के विवादास्पद मामले में नरेश मीणा को आठ महीने जेल में रहना पड़ा था। हाल ही में वह जमानत पर बाहर आए हैं और यह यात्रा उनकी पहली बड़ी राजनीतिक गतिविधि मानी जा रही है। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने लगातार अपने समर्थकों से मुलाकातें शुरू कर दी थीं और अब इस यात्रा के जरिए वह राजनीतिक वापसी का संदेश देना चाहते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह यात्रा न केवल नरेश मीणा की वापसी की कोशिश है, बल्कि इससे हाड़ौती क्षेत्र में राजनीतिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है। उनकी यह यात्रा आने वाले विधानसभा चुनावों से पहले क्षेत्रीय मतदाताओं के रुख को प्रभावित कर सकती है।
नरेश मीणा की यह पदयात्रा एक ओर उनकी राजनीतिक सक्रियता की घोषणा है, वहीं दूसरी ओर यह उनके समर्थकों के बीच मजबूत जनाधार बनाने की रणनीति भी प्रतीत होती है। आने वाले दिनों में इस यात्रा की प्रतिक्रिया और समर्थन तय करेगा कि हाड़ौती की राजनीति में यह पहल कितनी असरदार साबित होती है।
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