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गणेश चतुर्थी पर सोने की कीमतों में तेजी, फिर ऐतिहासिक ऊंचाई के करीब पहुंचा भाव

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बीते कुछ दिनों से सोने की कीमतें लगातार चर्चा में हैं। खासकर गणेश चतुर्थी के अवसर पर सोने की दरों में लगातार दूसरे दिन बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस उछाल के बाद एक बार फिर से सोना अपने ऐतिहासिक उच्च स्तर के करीब पहुंच गया है। पिछले सप्ताह जहां सोने में गिरावट का रुख देखने को मिला था, वहीं इस हफ्ते धीरे-धीरे इसमें मजबूती लौटने लगी है।

अलग-अलग कैरेट में बढ़ोतरी

सोना अलग-अलग शुद्धता (कैरेट) में बेचा जाता है। निवेश के लिए आमतौर पर लोग 24 कैरेट सोना खरीदते हैं, जबकि आभूषणों में 22 कैरेट और 18 कैरेट का ज्यादा इस्तेमाल होता है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, आज 24 कैरेट सोना 160 रुपये महंगा हुआ है। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत में 150 रुपये की बढ़त और 18 कैरेट सोने में 120 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।



शहरों में सोने का भाव

अगर देशभर के प्रमुख शहरों की बात करें तो दिल्ली में 24 कैरेट सोना आज ₹1,02,750 प्रति 10 ग्राम बिक रहा है। वहीं मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, केरल और पुणे जैसे शहरों में यह दर ₹1,02,600 पर बनी हुई है। 22 कैरेट सोना दिल्ली में ₹94,200 और बाकी प्रमुख महानगरों में ₹94,050 प्रति 10 ग्राम मिल रहा है। 18 कैरेट सोना दिल्ली में ₹77,080, चेन्नई में ₹77,750 जबकि मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, वडोदरा और केरल में ₹76,990 प्रति 10 ग्राम पर उपलब्ध है।

सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?

हर दिन सोने-चांदी की दरें अलग-अलग कारणों से बदलती रहती हैं। इनमें सबसे अहम कारक है डॉलर और रुपये का उतार-चढ़ाव। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत अमेरिकी डॉलर में तय होती है, इसलिए अगर डॉलर मजबूत होता है या रुपया कमजोर पड़ता है तो भारत में सोना महंगा हो जाता है। इसके अलावा आयात शुल्क और टैक्स भी बड़ा असर डालते हैं। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और राज्य स्तरीय टैक्स इसकी अंतिम कीमत को प्रभावित करते हैं। वैश्विक परिदृश्य भी सोने की दरों को हिलाता-डुलाता है। आर्थिक संकट, युद्ध, ब्याज दरों में बदलाव या वैश्विक अस्थिरता की स्थिति में निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने-चांदी की ओर रुख करते हैं। नतीजतन इनकी मांग और दाम दोनों तेजी से बढ़ जाते हैं।

भारत में सोने का सांस्कृतिक महत्व

आर्थिक पहलुओं से इतर, भारत में सोने की सामाजिक और सांस्कृतिक अहमियत भी बहुत बड़ी है। त्योहारों, शादियों और शुभ मौकों पर सोना खरीदना परंपरा का हिस्सा माना जाता है। इस मौसमी मांग से भी कीमतें प्रभावित होती हैं। अंत में, महंगाई और निवेश के नजरिए से भी सोना बेहद अहम है। मुद्रास्फीति के दौर में यह एक सुरक्षित निवेश साबित होता है और बेहतर रिटर्न देने का भरोसा जगाता है। जब शेयर बाजार में जोखिम बढ़ता है तो निवेशक सोने-चांदी को सुरक्षित पनाहगाह मानते हैं। यही वजह है कि इनकी कीमतें लंबे समय तक ऊंचे स्तर पर बनी रहती हैं।

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