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'सीजफायर मैंने कराया था', भारत-पाक युद्धविराम पर फिर बोले ट्रंप, मलेशिया रवाना होने से पहले दोहा में दिया बड़ा बयान

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर सुर्खियों में हैं। आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मलेशिया जाते वक्त उन्होंने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (Ceasefire) का श्रेय खुद को दिया है। ट्रंप मलेशिया जाने से पहले कतर की राजधानी दोहा स्थित अल-उदीद एयर बेस पर रुके, जहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने पुराने दावों को दोहराते हुए कहा — “मैंने ही भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया था।”

“भारत-पाक समझौता मेरी बड़ी उपलब्धि थी”

ट्रंप ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने इसे (सीजफायर) करवाया था, और यह आसान काम नहीं था। अगर आप भारत और पाकिस्तान के बीच हुए उस समझौते को देखें, तो यह शायद किसी भी अन्य डील से कहीं ज्यादा मुश्किल थी — यहां तक कि रूस और यूक्रेन से भी।” उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान कई कठिन अंतरराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकला।



पुतिन से बातचीत और शांति प्रयासों का दावा

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप से सवाल पूछा गया था कि क्या वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जल्द बैठक करेंगे, जिसे पहले अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था। इसी दौरान उन्होंने कहा कि पुतिन ने उनके अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति स्थापित करने के प्रयासों की भी सराहना की थी।

ट्रंप के अनुसार, “पुतिन ने फोन पर कहा था — वाह, यह अद्भुत था! हर किसी ने कोशिश की लेकिन वे नहीं कर सके, और हमने कर दिखाया।” उन्होंने आगे कहा कि “रूस-यूक्रेन युद्ध” अभी भी एक बड़ा और जटिल मुद्दा है, लेकिन वह इसे भी हल करने की इच्छा रखते हैं।

“मैं समय बर्बाद नहीं करूंगा अगर समझौते की गुंजाइश नहीं”

ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी ऐसे संवाद में अपना समय नहीं लगाएंगे जिससे ठोस परिणाम की उम्मीद न हो। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानना चाहिए कि पुतिन के साथ कोई डील संभव है या नहीं। मैं अपना समय बर्बाद नहीं करूंगा।”

उन्होंने बताया कि उनका पुतिन के साथ रिश्ता हमेशा से अच्छा रहा है, लेकिन कुछ मौकों पर यह “निराशाजनक” भी रहा है। ट्रंप ने कहा, “मुझे लगा था कि मध्य पूर्व में शांति से पहले यह समझौता हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

हमास को दी सख्त चेतावनी

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने मध्य पूर्व में स्थायी शांति की उम्मीद जताई और कहा कि इजरायल के साथ युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करने पर हमास को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह युद्धविराम कायम रहेगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमास को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। उनसे निपटना मुश्किल नहीं होगा।”

ट्रंप ने आगे कहा कि हमास ने पहले ही अपनी शर्तें रख दी हैं और उन्हें उम्मीद है कि समझौते का पालन किया जाएगा, वरना “उनके लिए यह बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी।”

तीन देशों की यात्रा पर हैं ट्रंप

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस समय तीन देशों की यात्रा पर निकले हैं। मलेशिया के बाद वे जापान और दक्षिण कोरिया का भी दौरा करेंगे। कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात की भी योजना है, ताकि दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार युद्ध को बढ़ने से रोका जा सके।

कुल मिलाकर, ट्रंप ने एक बार फिर यह जताने की कोशिश की है कि वैश्विक शांति प्रयासों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है — चाहे वह भारत-पाक संघर्ष हो या मध्य पूर्व का तनावपूर्ण माहौल।

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