कोलकाता, 21 अक्टूबर . दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज (न्यू कॉम्प्लेक्स) की द्वितीय वर्ष की कानून की छात्रा, जिसके साथ कॉलेज परिसर में कथित तौर पर बलात्कार किया गया था, कलकत्ता विश्वविद्यालय के एक अन्य कॉलेज में स्थानांतरित हो गई है. छात्रा के पिता ने Tuesday को इसकी पुष्टि की.
पीड़िता के पिता ने बताया कि पिछले सप्ताह नए कॉलेज में उसके प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी हो गईं. उन्होंने कहा, “मौजूदा त्योहारी छुट्टियां खत्म होने के बाद वह फिर से कक्षाएं शुरू करेगी. गोपनीयता और सुरक्षा कारणों से नए कॉलेज का नाम साझा नहीं किया गया है.”
कलकत्ता विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति सांता दत्ता ने स्थानांतरण की पुष्टि की और छात्रा के नए परिवेश में अपनी पढ़ाई जारी रखने के महत्व को बताया. उन्होंने कहा, “मैंने खुद उससे मुलाकात की और उसे हर तरह के सहयोग का वादा किया ताकि वह आने वाले दिनों में अपना शैक्षणिक जीवन जारी रख सके.”
यह घटना 25 जून की रात को हुई थी. पिछले सप्ताह, कोलकाता की एक अदालत ने कॉलेज के एक गार्ड, पिनाकी बनर्जी, नामक एक आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया. पीड़िता ने पहले उसे ‘एकमात्र असहाय’ गवाह बताया था, लेकिन बाद में जांचकर्ताओं ने उसे एक आरोपी के रूप में पहचाना क्योंकि वह गार्ड रूम में हमले के दौरान मूकदर्शक बना रहा.
अन्य तीन आरोपी, मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखोपाध्याय अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं.
कॉलेज के संविदा कर्मचारी और पूर्व छात्र मिश्रा को मुख्य अपराधी बताया गया है. अहमद और मुखोपाध्याय पर अपराध में मददगार होने का आरोप लगाया गया है. कथित तौर पर मिश्रा का आपराधिक इतिहास रहा है, जिसे कॉलेज प्रशासन ने संविदा के आधार पर नियुक्त करते समय नजरअंदाज कर दिया. कथित तौर पर तीनों आरोपी तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा से जुड़े थे.
इस मामले ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और परिसर की सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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एससीएच
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