Mumbai , 4 अक्टूबर . शिवसेना शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने बालासाहेब ठाकरे की मौत पर सवाल उठाए. उन्होंने विवादास्पद आरोपों को लेकर Friday को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.
दरअसल, इससे पहले दशहरा रैली में शिवसेना शिंदे गुट के नेता रामदास कदम ने दावा किया था कि बालासाहेब का शव दो दिन तक मातोश्री में रखा गया और उनके हस्ताक्षर लिए गए. उनके इस आरोप पर शिवसेना (यूबीटी) गुट के नेता हमलावर हैं. अब कदम ने सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि वे Chief Minister से मिलकर इसकी सिफारिश करेंगे.
कदम ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, “2014 में मंत्रिपद दिया, लेकिन मुझे और दिवाकर रावते को दरकिनार किया.” उद्धव के ‘नमक हराम’ वाले बयान पर कदम ने पलटवार करते हुए कहा, “गद्दार उद्धव है, जिन्होंने बालासाहेब से गद्दारी की. नमक हमने दिया, नमक हरामी कौन कर रहे हैं, वो बताएं. डॉक्टर ने बताया कि शव दो दिन मातोश्री में था, इसलिए मैंने बोला.”
पत्नी की मौत को संदिग्ध बताने वाले आरोप को लेकर रामदास कदम ने शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी स्टोव पर खाना बना रही थी, स्टोव फटने से जख्मी हुईं. हम दोनों जसलोक अस्पताल में एडमिट थे. ये झूठा आरोप है. मैं अनिल परब पर मानहानि का दावा ठोकूंगा. मेरी पत्नी पर बोलने से दुख हुआ.”
परब द्वारा नार्कोटिक्स टेस्ट की मांग करने पर कदम ने कहा, “वे कोर्ट जाएं, लेकिन मैं पहले सीबीआई जांच कराऊंगा, क्योंकि वे डॉक्टर को झूठा बता रहे हैं.”
रामदास कदम ने परब के आरोपों का फिर खंडन करते हुए कहा, “मेरी पत्नी की साड़ी में आग लगी, मैंने बचाया. क्या परब को पता है कि 1993 में मेरे गांव में क्या हुआ? मैंने मातोश्री को 50 साल दिए, कल के लोग क्या बोलेंगे? जब निर्दलीयों को मंत्री बनाया गया, तो रिश्वत ली गई क्या?”
बता दें कि बालासाहेब की मौत का विवाद Maharashtra की सियासत में गहराता जा रहा है. शिवसेना यूबीटी ने इसे बालासाहेब का अपमान बताया, जबकि शिंदे गुट समर्थन दे रहा है.
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एससीएच/डीएससी
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