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झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई, राज्यपाल बोले- यह अपूरणीय क्षति

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रांची, 16 अगस्त . झारखंड के दिवंगत शिक्षा एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन को Saturday सुबह झारखंड विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत कई मंत्री, विधायक और सांसदों ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

राज्यपाल ने कहा कि रामदास सोरेन का असामयिक निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की. रामदास सोरेन का Friday देर रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था. उन्हें 12 दिन पहले ब्रेन स्ट्रोक के बाद गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था.

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने एक्स हैंडल पर भी लिखा, “मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ. ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें.“

55 वर्षीय सोरेन झारखंड सरकार में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता और निबंधन मंत्री थे. उनका पार्थिव शरीर सुबह 10 बजे दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद सीधे विधानसभा परिसर ले जाया गया, जहां उन्हें राजकीय विदाई दी गई. उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद पूर्वी सिंहभूम स्थित उनके पैतृक आवास में होगा. राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि रामदास सोरेन न सिर्फ झारखंड आंदोलन के समर्पित सिपाही थे, बल्कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों-पिछड़ों के लिए समर्पित कर दिया था. उनके जाने से राज्य और झामुमो में एक बड़ी रिक्तता आई है, जिसे भरना आसान नहीं होगा.

झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रामदास सोरेन का निधन प्रदेश की राजनीति एवं समाज के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुख सहन करने की शक्ति दें.

झारखंड के पूर्व Chief Minister रघुवर दास ने कहा है कि रामदास सोरेन का जाना अत्यंत दुखद है. बाबा वैद्यनाथ उनकी आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह असीम दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. झारखंड की पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने रामदास सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके योगदान और जनसेवा को सदैव याद किया जाएगा. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य दें.

पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आदिवासी समाज से आने वाले रामदास सोरेन अपनी सरलता, सादगी और ईमानदार जीवनशैली के लिए जाने जाते थे.

उन्होंने कहा कि “झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन के निधन के दुख से राज्य अभी उबरा भी नहीं था कि एक और जननेता का इस तरह जाना बेहद दुखद है.” भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा कि सोरेन जमीन से जुड़े नेता थे और शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई. उनका असमय निधन पूरे राज्य के लिए पीड़ादायी है. मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि रामदास सोरेन का जाना पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति थी. उनके जाने से जो रिक्तता आई है, उसे भर पाना मुश्किल होगा.

एसएनसी/एएस

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