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पाकिस्तान के लिए रवाना भारतीय सिखों के जत्थे को बॉर्डर पर कुछ घंटे रुकना पड़ा : हरमीत सिंह कालका

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नई दिल्ली, 11 अप्रैल . खालसा साजना दिवस (बैसाखी) के अवसर पर भारत से करीब 6,600 सिख श्रद्धालुओं का जत्‍था पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों में दर्शन के लिए रवाना हुआ था. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका ने बताया कि पाकिस्तान गए सिख श्रद्धालुओं को गुरुवार रात कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरमीत सिंह कालका ने बताया, “गुरुवार रात श्रद्धालुओं को बॉर्डर पर दो-तीन घंटे के लिए इंतजार करना पड़ गया. मैं इसे अव्यवस्था समझूंगा. समय पर बसों का नहीं पहुंचना, उनकी कमी हो सकती है, लेकिन उनकी नियत पर शंका करना इस समय ठीक नहीं है.”

उन्होंने बताया, “रात में जब देर से बस पहुंची, तो उसके बाद श्रद्धालुओं को उनके स्थान पर पहुंचाया गया. जिन्हें जिस तरफ जाना था, वो वहां पर गए. अगर हम नकारात्मक सोच से नकारात्मक प्रचार शुरू करेंगे, तो संगत को भी लगता है कि हमारे साथ कुछ गलत न हो जाए. ऐसे में कल जो हुआ वो अव्यवस्था हो सकता है, लेकिन सरकार की नियत में कोई गलती नजर नहीं आ रही है.”

उन्होंने बताया कि “हमने दिल्ली से 253 लोगों का वीजा अप्लाई किया था और सभी को मिला. हमारी टीम और जत्थेदार साथ जाते हैं, पूरे ग्रुप का प्रबंध वो करते हैं.”

उल्लेखनीय है कि खालसा साजना दिवस (वैसाखी) के मौके पर गुरुवार को (10 अप्रैल) पूरे भारत से करीब 6,600 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारों के दर्शन के लिए रवाना हुए. यह जत्था अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से 1,942 तीर्थयात्रियों का एक विशेष जत्था तैयार किया गया, जो “बोले सो निहाल” के जयकारों के साथ शिरोमणि कमेटी कार्यालय से रवाना किया गया. इस जत्थे का नेतृत्व एसजीपीसी सदस्य जंग बहादुर और उपनेता बीबी जोगिंदर कौर कर रहे हैं. ये तीर्थयात्री 10 दिनों तक पाकिस्तान में रहेंगे और 19 अप्रैल को भारत लौट आएंगे.

एससीएच/

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