नई दिल्ली, 9 अप्रैल . पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने वक्फ संशोधन अधिनियम को मुस्लिम समाज के हित में किया गया क्रांतिकारी कदम बताया है.
उन्होंने कहा कि नया विधेयक लाने से पहले जो पुराना कानून था, उसके तहत लाखों-करोड़ों रुपये की संपत्ति के बावजूद लाभ केवल मुस्लिम समुदाय के एक छोटे से वर्ग (जिनके पास सत्ता और नियंत्रण था) तक सीमित था. गरीब मुसलमानों, विधवाओं और समुदाय के दबे-कुचले व वंचित लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा था.
मजूमदार ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो नया अधिनियम लाया गया है, वह सभी वंचित लोगों को समान अधिकार और लाभ सुनिश्चित करेगा. पहले जो विशाल जमीनें वक्फ के पास थीं, उनका लाभ न तो आम लोगों को मिलता था और न ही कोई ठोस उपयोग दिखता था. अगर इसका सही इस्तेमाल होता तो पूरे देश में 50 अस्पताल या बड़े चैरिटेबल ट्रस्ट चलाए जा सकते थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.”
उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी अपील की कि पढ़े-लिखे और जागरूक लोगों को आगे आकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. मजूमदार ने कहा, “मुस्लिम समाज को यह सवाल उठाना चाहिए कि इतनी संपत्ति होने के बावजूद न तो अस्पताल चलते हैं और न ही चैरिटेबल ट्रस्ट. शिक्षित मुसलमानों को इस मुद्दे पर नेतृत्व करना चाहिए ताकि वंचितों को उनका हक मिल सके.”
उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, “जिस दिन मैंने दिल्ली में संबित पात्रा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उसी दिन हमने आशंका जताई थी कि ममता बनर्जी 26,000 नौकरियों को खत्म करने में शामिल भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने और प्रभावित लोगों को मुआवजा देने से बचने के लिए कोई शरारत कर सकती हैं. मेरा मानना है कि यह पूरी तरह से राज्य प्रायोजित हिंसा है.”
मजूमदार ने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के उस पुराने बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने नबान्न की नाकेबंदी के दौरान पुलिस वाहनों में आग लगाने वालों को गोली मारने की बात कही थी.
उन्होंने कहा, “जब अभिषेक बनर्जी ने नबान्न की नाकेबंदी का आह्वान किया था, तब कुछ लोगों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी थी. उस समय अभिषेक ने कहा था कि अगर वह पुलिस की जगह होते तो उन लोगों को गोली मार देते. आज मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर उनमें सचमुच हिम्मत और बहादुरी है, तो उस खोल से बाहर आएं, जिसमें वह छिपे हैं. निर्भीकता से सामने आएं और वही बात दोहराएं, क्योंकि उस दिन आपने कहा था कि आप गोली चलाएंगे.”
मजूमदार ने ममता बनर्जी की सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल के हिंदू एकजुट हो रहे हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले चुनावों में एक भी हिंदू ममता बनर्जी को वोट नहीं देगा. राज्य के हिंदुओं के मन में यह संदेह गहरा रहा है कि कहीं ममता की तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से पश्चिम बंगाल ‘पश्चिम बांग्लादेश’ न बन जाए.”
उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी की नीतियों से राज्य की जनता में असंतोष बढ़ रहा है. आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा जनता की आवाज बनकर मजबूती से उभरेगी.
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एकेएस/केआर
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