New Delhi, 12 नवंबर . केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने Wednesday को अरुणाचल प्रदेश में चल रहे ‘अष्टलक्ष्मी दर्शन’ युवा एक्सचेंज प्रोग्राम के पहले बैच के विद्यार्थियों से वर्चुअल माध्यम से संवाद किया. इस उद्घाटन चरण में गोवा के 19 और उत्तराखंड के 20 छात्र-छात्राएं शामिल हुए, जिन्हें पूर्वोत्तर India की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक विविधता को नज़दीक से देखने-समझने का अवसर मिला.
यह कार्यक्रम पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर) और नॉर्थ ईस्टर्न काउंसिल (एनईसी) द्वारा आयोजित एवं वित्तपोषित है. इसके तहत 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 1280 विद्यार्थी, 40 दलों में विभाजित होकर पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों का भ्रमण कर रहे हैं. इसका उद्देश्य युवाओं के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आपसी समझ और राष्ट्रीय एकता की भावना को सुदृढ़ करना है जो Prime Minister Narendra Modi के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का मूर्त रूप है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस कार्यक्रम की परिकल्पना करते समय Government ने इस बात का विशेष ध्यान रखा कि छात्र और छात्राओं, दोनों की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाए, जिससे कार्यक्रम समावेशिता और सशक्तिकरण का सशक्त प्रतीक बन सके. उन्होंने ‘अष्टलक्ष्मी दर्शन’ को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान के अंतर्गत एक अद्वितीय सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक पहल बताया, जिसका उद्देश्य देश के युवाओं को एक-दूसरे की भाषाओं, परंपराओं, जीवनशैली और सामाजिक ताने-बाने को समझने का अवसर देना है.
सिंधिया ने छात्रों से बातचीत के दौरान अपने हालिया ज़ीरो वैली दौरे का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां का शांत वातावरण ऐसा है, जैसे समय थोड़ी देर के लिए ठहर जाता है ताकि आप धरती की धड़कन सुन सकें.
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने छात्रों से उनके अनुभव साझा करने को कहा. उत्तराखंड की सौम्या बिष्ट से बातचीत में उन्होंने पूछा कि क्या वह अगली बार अपने परिवार या दोस्तों को भी अरुणाचल लेकर आएंगी, जिस पर सौम्या ने मुस्कुराते हुए कहा कि दोनों को लेकर आएंगी.
गोवा की रुचा परब से बातचीत में उन्होंने जलवायु के अंतर पर चर्चा करते हुए कहा कि पानी में, जमीन पर और पहाड़ों में रहने की सहनशक्ति अलग-अलग होती है और इस दौरान उन्होंने कुछ पंक्तियां मराठी में बोलकर छात्रों को प्रसन्न कर दिया. गोवा की दीपानी ने ज़ीरो वैली की अपनी यात्रा को जीवन का यादगार अनुभव बताया.
हल्द्वानी के अविरल ने India की विविधता पर अपने विचार साझा किए, जिस पर सिंधिया ने कहा कि इस पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह इस भावना को आने वाली पीढ़ी तक पहुँचाए. नवनीत रावत ने कार्यक्रम में और अधिक फील्ड विजिट शामिल करने का सुझाव दिया, जबकि इवैंजलीन मेनोका ने अरुणाचल की अन्य जनजातियों और जीवनशैलियों से भी जुड़ने की बात कही.
राजीव गांधी विश्वविद्यालय (अरुणाचल प्रदेश) के छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए. इनमें से एक माय India अवॉर्ड (2023–24) प्राप्तकर्ता ने बताया कि गोवा और उत्तराखंड से आए विद्यार्थियों के साथ संवाद उनके लिए ‘विचारों और मित्रता का बहुमूल्य अनुभव’ रहा. अपने समापन संबोधन में सिंधिया ने विद्यार्थियों के उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा की सराहना की.
उन्होंने कहा, “आप अष्टलक्ष्मी दर्शन के पहले बैच के प्रतिभागी हैं, Prime Minister Narendra Modi के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ दृष्टिकोण के सच्चे प्रतिनिधि. आप इस अनुभव के दूत हैं, इसे अपने साथ लेकर चलें, नई मित्रताओं को जीवित रखें और एकता के संदेश को आगे बढ़ाएं.”
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और मित्रों को अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति, परंपराओं और सौंदर्य के बारे में बताएं. उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर को सिर्फ पर्यटकों की नहीं, बल्कि ऐसे मित्रों की आवश्यकता है जो यहां की आत्मा को समझें और उसकी सुंदरता का उत्सव मनाएं.”
‘अष्टलक्ष्मी दर्शन’ युवा एक्सचेंज प्रोग्राम राष्ट्रीय एकता, युवा सशक्तिकरण और सांस्कृतिक एकजुटता के प्रति Government की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह पहल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करती है और ‘विकसित India 2047’ के लक्ष्य की दिशा में एक प्रेरक कदम है.
You may also like

फतेहपुर : खनन और ओवरलोड गाड़ियों के मामले में दो गिरफ्तार, 6 पर एफआईआर

धर्मेंद्र की सेहत में सुधार: राघव चड्ढा ने की शुभकामनाएं

दिल्ली में बम ब्लास्ट का जिम्मेदार कौन? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सुन लीजिए

आर्यन खान के जन्मदिन पर सितारों ने सोशल मीडिया पर किया प्यार का इजहार

जम्मू-कश्मीर : कटरा में संपत्ति मालिकों को किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी




