संयुक्त राष्ट्र, 25 अक्टूबर . संयुक्त राष्ट्र में सुधार को लेकर लंबे समय से मांग चल रही है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद से अपील की है कि विकास और शांति के लिए संसाधनों का उपयोग किया जाए.
महासचिव गुटेरेस ने Friday को संयुक्त राष्ट्र के भविष्य पर सुरक्षा परिषद की एक खुली बहस में यह अपील की. न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हनोई से एक वीडियो लिंक के माध्यम से महासचिव ने अपने भाषण की शुरुआत की.
यूएन महासचिव गुटेरेस ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि 1946 में, मतदान से पहले सुरक्षा परिषद की पहली मतपेटी निरीक्षण के लिए खोली गई थी. जब पेटी खुली तो सभी को आश्चर्य हुआ कि उसमें पहले से ही एक कागज का टुकड़ा था.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बताया कि यह संदेश उस मतपेटी के निर्माता, न्यूयॉर्क के एक स्थानीय मैकेनिक पॉल एंटोनियो का था. उन्होंने कहा था कि वह पूरी दुनिया में स्थायी शांति की कामना करते हैं.
गुटेरेस ने कहा, “यह संदेश हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा परिषद क्यों अस्तित्व में है: यह उन लोगों के लिए है, जो ईमानदार हैं और जिन्होंने पिछले आठ दशकों से युद्ध के संकट से खुद को बचाने के लिए इस संस्था पर भरोसा रखा है.”
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने आगे कहा, “इस मंच पर बैठने का सौभाग्य, सबसे बढ़कर, उन लोगों की आस्था का सम्मान करने का कर्तव्य है. और युद्ध पर अक्सर खर्च होने वाले संसाधनों को विकास और शांति के कार्यों में लगाना है. कई महत्वपूर्ण अवसरों पर, सुरक्षा परिषद ने यह काम पूरा किया है और पिछले आठ दशकों में महाशक्तियों के बीच युद्ध की अराजकता को रोका गया.”
गुटेरेस ने आगे कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अच्छे काम करने के लिए जरूरी और ताकतवर है, लेकिन इसकी वैधता कमजोर है. हमने अक्सर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को चार्टर के सिद्धांतों के विरुद्ध काम करते देखा है.”
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा, “जब ऐसा होता है, तो न केवल तत्काल कार्रवाई रुक जाती है, बल्कि इससे संयुक्त राष्ट्र की पूरी परियोजना में विश्वास भी कम होता है. यह हम सभी को बड़े खतरे में भी डाल देता है. जब एक देश नियमों का उल्लंघन करता है, तो दूसरे देश सोचते हैं कि उन्हें भी ऐसा करने की छूट है और इतिहास हमें स्पष्ट रूप से बताता है कि यह रास्ता किस ओर ले जाता है.”
गुटेरेस ने यह भी कहा कि वैश्विक व्यवस्था और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार बहुत जरूरी है और लंबे समय से इसका इंतजार भी हो रहा है. सुरक्षा परिषद में सुधार के तहत सदस्यता का विस्तार भी होना है.
सदस्यता के विस्तार को लेकर यूएन महासचिव ने कहा कि अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र के लगभग आधे शांति अभियानों के साथ-साथ कई विशेष Political मिशन भी चलाए जाते हैं, फिर भी परिषद में अफ्रीका की कोई स्थायी आवाज नहीं है.
उन्होंने कहा, “सुरक्षा परिषद चेंबर के दरवाजे खोलने और प्रकाश को अंदर आने देने का समय आ गया है. उद्देश्यपूर्ण सुरक्षा परिषद के बिना, दुनिया गंभीर खतरे में है. यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक ऐसी संस्था का निर्माण करें जो अगले 80 वर्षों की चुनौतियों का सामना कर सके, एक ऐसी संस्था का निर्माण करें जो सभी के लिए न्याय और सुरक्षा प्रदान करे.”
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केके/एएस
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