Mumbai , 20 अक्टूबर . भारतीय इक्विटी बाजार में 433 कंपनियों ने पिछली दीपावली से लेकर इस दीपावली तक यानी संवत 2081 में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 2.9 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं.
संवत 2080 में यह आंकड़ा 429 कंपनियों के साथ 2.53 लाख करोड़ रुपए पर था.
इससे पहले, संवत 2079 में 251 कंपनियों ने 79,900 करोड़ रुपए और संवत 2078 में 165 कंपनियों ने 1.07 लाख करोड़ रुपए की धनराशि जुटाई थी.
बाजार ने यह रिकॉर्ड ऐसे समय पर बनाया है, जब सेकेंडरी मार्केट में गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं और आईपीओ लाने वाली कंपनियों की लिस्टिंग कमजोर हो रही है. यह ट्रेंड लंबी अवधि के निवेशकों का बाजार पर विश्वास को दिखाता है.
इस संवत में कुल 111 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ के जरिए 1.8 लाख करोड़ रुपए जुटाए. वहीं, 275 कंपनियां स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएमई) आईपीओ के जरिए 11,860 करोड़ रुपए जुटाने में कामयाब रहीं.
वहीं, अन्य 47 कंपनियों ने 98,993 करोड़ रुपए क्यूआईपी के जरिए जुटाए.
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस तेजी की वजह मजबूत आर्थिक वृद्धि दर, निवेशकों का बढ़ता विश्वास और अच्छी बाजार परिस्थितियां हैं.
उन्होंने आगे कहा कि सेकेंडरी मार्केट में अधिक वैल्यूएशन के कारण निवेशक प्राइमरी बाजार में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं.
2025 में ज्यादातर कंपनियों की लिस्टिंग उम्मीद से कमजोर रही है. इस साल अब तक सूचीबद्ध 85 मेनबोर्ड आईपीओ में से 29 अपने इश्यू प्राइस से नीचे खुले, जबकि 27 में 1-10 प्रतिशत का मामूली लिस्टिंग मुनाफा देखा गया.
12 आईपीओ ने 11-20 प्रतिशत के बीच लाभ दिया, 13 आईपीओ 25-50 प्रतिशत तक बढ़े, और केवल तीन शेयर ही शुरुआत में 50 प्रतिशत से अधिक का लाभ देने में सफल रहे.
इसके विपरीत, 2024 में लिस्टिंग के समय कंपनियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. उस वर्ष, 93 मेनबोर्ड आईपीओ में से, पांच शेयरों ने लिस्टिंग पर निवेशकों का पैसा दोगुना कर दिया था, 12 ने 50-99 प्रतिशत तक लाभ दिया, 25 ने 25-50 प्रतिशत तक लाभ दिया, और 30 ने 1-25 प्रतिशत के बीच मामूली लाभ निवेशकों को दिया.
एसएमई सेगमेंट में भी ऐसा ही पैटर्न दिखाई दिया. 2025 में, 218 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, जिनमें से 76 आईपोओ इश्यू प्राइस से नीचे सूचीबद्ध हुए, जबकि 27 ने 50-100 प्रतिशत का लाभ दिया.
हालांकि, 2024 में, 247 एसएमई आईपीओ बाजार में आए, और उनमें से 100 से अधिक ने लिस्टिंग के समय 50-400 प्रतिशत के बीच रिटर्न दिया.
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एबीएस/
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