अमृतसर, 12 अप्रैल . शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए शनिवार को अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के मुख्य कार्यालय तेजा सिंह समुंद्री हॉल में मतदान होगा. सुखबीर सिंह बादल के पिछले साल 16 नवंबर को अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद से पार्टी में नए नेतृत्व को लेकर लगातार चर्चाएं और बैठकें हो रही थीं. इस चुनाव में पार्टी के 117 विधानसभा क्षेत्रों से आए 500 प्रतिनिधि अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
चुनावी प्रक्रिया को लेकर सुबह से ही तेजा सिंह समुंद्री हॉल में अकाली दल के कार्यकर्ताओं और नेताओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने बताया, “आज शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है. यह देखना हैरानी भरा है कि न केवल पार्टी का बागी गुट, बल्कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा जैसे विपक्षी दल भी अकाली दल के खिलाफ बोल रहे हैं. हम न तो सत्ता में हैं और न ही बहुमत में, फिर भी इन दलों को हमसे खतरा क्यों महसूस हो रहा है?”
ग्रेवाल ने आगे कहा, “शिरोमणि कमेटी के चुनाव हमेशा से तेजा सिंह समुंद्री हॉल में होते रहे हैं, जो इसका प्रशासनिक ब्लॉक है. श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशानुसार, अब समय आ गया है कि हम अपने-अपने चूल्हे बंद करें और सिंह साहिब के निर्देशों का पालन करें.”
उन्होंने भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 2027 के विधानसभा चुनावों में अकाली दल एक बड़े आंदोलन के रूप में उभरेगा और पंजाब की सियासत में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराएगा.
वहीं, शिरोमणि अकाली दल की महिला विंग की नेता जगविंदर सोहल ने कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह की बात कही. उन्होंने कहा, “आज का दिन ऐतिहासिक है. सभी कार्यकर्ता बड़े जोश के साथ इस चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं. शिरोमणि अकाली दल का गौरवशाली इतिहास रहा है. यह पंजाब की मातृ पार्टी है, जिसने क्षेत्रीय स्तर पर पंजाब के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है. विपक्षी दल भी जानते हैं कि अकाली दल की सरकारों में जो विकास हुआ, वैसा अन्य किसी सरकार में नहीं हुआ.”
बागी गुट पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “वे तथाकथित सुधार आंदोलन विरोधी और दागी हैं. इसके पीछे भाजपा की छाया साफ दिखती है. ये लोग अकाली दल में सुधार की बात करते हैं, लेकिन आज का दिन उन्हें उनकी असल हैसियत दिखा देगा.”
चुनाव के नतीजे देर शाम तक आने की उम्मीद है, जिसके बाद न केवल नए अध्यक्ष का नाम सामने आएगा, बल्कि पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन भी होगा. पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुखबीर सिंह बादल के फिर से अध्यक्ष बनने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है.
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एकेएस/एबीएम
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