गाजियाबाद, 14 जुलाई . श्रावण मास के पहले Monday को गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी-लंबी कतार मंदिर के बाहर देखने को मिली. बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए सुबह 4 बजे से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गई थी. भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए उत्साह के साथ पहुंचे. पुलिस ने किसी भी अव्यवस्था से बचने के लिए पहले से ही पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी.
इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से 8 अगस्त तक रहेगा. सावन भगवान शिव और चंद्र देव का महीना माना जाता है. वैसे तो सावन का पूरा महीना ही शुभ है, लेकिन इसमें Monday का महत्व अधिक है.
दूधेश्वर नाथ मंदिर, गाजियाबाद का एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका इतिहास रावण काल से जुड़ा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने यहां भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी. मान्यता है कि रावण ने भी इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी. यह मंदिर ‘हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ’ के रूप में भी जाना जाता है. कहा जाता है कि भगवान शिव स्वयं यहां शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे.
गाजियाबाद पुलिस ने पहले ही रूट डायवर्जन प्लान जारी कर दिया था. दूधेश्वर नाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण पुलिस ने वहां बैरिकेडिंग कर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है. भक्तों को लाइन में लाने के लिए बैरिकेडिंग से रास्ता बनाया गया है. पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे पुलिस कंट्रोल रूम हर जगह पर नजर रख रही है.
आज से कांवड़ियों की संख्या बहुत बढ़ जाएगी. इसे देखते हुए सुरक्षा और यातायात के लिए सख्त इंतजाम किए गए हैं. हजारों कांवड़िए हरिद्वार से गंगा जल लाकर अपने शिव मंदिरों में शिवजी का जलाभिषेक करते हैं.
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पीकेटी/पीएसके
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