बेगूसराय, 13 अप्रैल . केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से आम जनमानस को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें ‘प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण)’ (पीएमएवाई) और किसान सम्मान निधि योजना (पीएमकेएसएन) आदि शामिल हैं, जिसका फायदा बेगूसराय के निवासियों को भी हो रहा है.
‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को लेकर बेगूसराय जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों ने पीएम मोदी के प्रति कृतज्ञता जाहिर किया. लाभार्थियों में नगर निगम के वार्ड नंबर 20 और 40 निवासी कामो देवी, प्रमिला देवी, रेणु देवी,और रीता देवी एवं मटिहानी प्रखंड के निवासी मनोज शर्मा ने बताया, “प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेकर हमारे रहन-सहन में व्यापक सुधार हुआ है. पहले कच्चे मकान में जहां बारिश के दिनों में काफी फजीहत होती थी, वहीं ठंड के मौसम में भी परेशानी होती थी. सांप-बिच्छुओं का भय बना रहता था.”
उन्होंने बताया, “अब जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान मिल गया है, तो आवास की समस्या समाप्त हो गई है, इसके लिए हम प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हैं.”
वही, मटिहानी प्रखंड के बदलापुर गांव निवासी नंदन कुमार एवं चंदन प्रसाद सिंह ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ से लाभान्वित हुए. उन्होंने बताया, “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पाकर हम लोग काफी लाभान्वित हुए हैं. पहले छोटी-छोटी जरूरत के लिए महाजन के यहां हाथ फैलाना पड़ता था, अब जबकि ‘किसान सम्मान निधि योजना’ से 6,000 रुपए प्राप्त हो जाते हैंं, तो हम लोग स्वावलंबी हो चुके हैं. किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होती है.”
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिलने वाले पैसे,गरीब किसानों को आर्थिक संबल और सम्मान दिला रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6,000 रुपए (दो-दो हजार की तीन वार्षिक किश्त के रूप में) की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
–
एससीएच/
The post first appeared on .
You may also like
Horoscope April 15, 2025: Check Astrological Predictions for All 12 Zodiac Signs
बेटियों के बलात्कारियों से जब माँ ने कहा “अब्दुल अली एक-एक करके करो, नहीं तो वो मर जाएंगी
पुरुषों में वीर्य की कमी के 6 संकेत
इन 10 भारतीय फूड का सेवन करने से हो सकता है कैंसर. रिसर्च में हुआ खुलासा, आज ही से खाना कर दे बंद
भारत को फोर्ब्स की शक्तिशाली देशों की सूची से बाहर रखने पर उठे सवाल