पुरी, 13 अप्रैल . ओडिशा के प्रमुख संत, महंत और धार्मिक संस्थानों के प्रमुखों ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि उन्हें भी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत शामिल किया जाए. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग से इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल ने पुरी स्थित स्वामीनारायण मंदिर परिसर में मुलाकात की. स्वामीनारायण मंदिर परिसर में इस समय भाजपा नेताओं के लिए प्रशिक्षण सत्र चल रहा है.
प्रतिनिधिमंडल में ओडिशा के विभिन्न मठों के वरिष्ठ महंत शामिल थे. उन्होंने कहा कि आम जनता को जहां आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है. लेकिन, हजारों साधु-संत आर्थिक तंगी के कारण इस सुविधा से वंचित हैं. संतों का कहना है कि ओडिशा में ऐसे 10,000 से अधिक संत हैं, जिन्हें इस स्वास्थ्य योजना के दायरे में लाया जाना चाहिए.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल स्वामी शुभानंद पुरी ने इस मुलाकात को लेकर समाचार एजेंसी को बताया कि ओडिशा के हजारों संत सादगी और तपस्या का जीवन जीते हैं और समाज की सेवा में समर्पित रहते हैं. लेकिन, जब बात स्वास्थ्य सेवा की आती है, तब वह उपेक्षित रह जाते हैं. कई बार साधु संतों के लिए गंभीर बीमारी का इलाज कराना संभव नहीं होता है.
उत्तर पार्श्व मठ के महंत नारायण रामानुज दास ने कहा कि यदि आम नागरिक आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं, तो वह संत, जिन्होंने सांसारिक जीवन को त्याग कर समाज के कल्याण का मार्ग चुना है, उन्हें क्यों वंचित रखा जाए? यह केवल नीति का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का भी मुद्दा है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संतों को भरोसा दिलाया कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लेंगे और संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे. ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग ने भी प्रतिनिधिमंडल की बात को ध्यानपूर्वक सुना और यथासंभव सहयोग का आश्वासन दिया.
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पीएसके/
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