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मध्य प्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य में 20 अप्रैल को छोड़े जाएंगे चीते : सीएम मोहन यादव

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भोपाल, 18 अप्रैल . मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश में वन्य पर्यटन को बढ़ावा देने और इको सिस्टम के विकास के लिए व्यापक कार्य किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब मंदसौर स्थित गांधीसागर अभयारण्य को भी चीतों से आबाद किया जाएगा. रविवार, 20 अप्रैल को कूनो राष्ट्रीय उद्यान से दो चीते शिफ्ट कर गांधीसागर में छोड़े जाएंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि गांधीसागर की जलवायु चीतों के लिए अत्यंत अनुकूल है.

मोहन यादव ने समत्व भवन में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ चीता प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में बताया कि कूनो में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ग्वालियर से सीधी सड़क और एयर कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी. कूनो में टेंट सिटी, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पशु चिकित्सालय और रेस्क्यू सेंटर भी बनेगा. यह पशु अस्पताल न केवल चीतों बल्कि पूरे क्षेत्र के गौवंश के लिए भी सहायक होगा.

मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत में जन्मे चीता शावकों की सर्वाइवल रेट विश्व में सर्वाधिक है, जिससे यह सिद्ध होता है कि यहां की जलवायु चीतों के लिए उपयुक्त है. कूनो क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से चीता मित्रों और महिला स्व-सहायता समूहों को टूरिस्ट गाइड बनाया जाएगा और दीदी कैफे स्थापित किए जाएंगे.

भूपेंद्र यादव ने वन्य पर्यटन और चीता पुनर्वास प्रयासों की सराहना की और सुझाव दिया कि इन प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए एक टास्क फोर्स गठित की जाए. साथ ही, चीता मित्रों को प्रशिक्षित कर होम स्टे और नेचर टूरिज्म से जोड़ा जाए. कूनो क्षेत्र के ऐतिहासिक किले में हेरिटेज वॉक और मगरमच्छ-घड़ियाल देखने के व्यू प्वाइंट्स भी विकसित किए जाएं.

फिलहाल कूनो में 26 चीते हैं, जिनमें से 16 खुले जंगल में और 10 पुनर्वास केंद्र में हैं. चीतों की निगरानी सैटेलाइट कॉलर से 24 घंटे हो रही है. पर्यटकों की संख्या पिछले दो वर्षों में दोगुनी हो चुकी है. राज्य सरकार ने कूनो में चीता सफारी शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

डीएससी/एकेजे

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