Top News
Next Story
Newszop

साइबर धोखाधड़ी से निपटेगा दूरसंचार विभाग, फर्जी कॉल रोकने के लिए केंद्रीय प्रणाली जल्द की जाएगी शुरू

Send Push

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर . हाल के दिनों में नागरिकों को धोखाधड़ी वाले कई कॉल प्राप्त हो रहे हैं, जो अक्सर भारतीय मोबाइल नंबरों के रूप में दिखाई देते हैं. वास्तव में ये कॉल विदेश से संचालित साइबर अपराधियों द्वारा हेराफेरी से किए जाते हैं.

ये अपराधी कॉल की वास्तविक उत्पत्ति को छिपाने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का फायदा उठाते हैं, जिसके कारण मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट होने, फर्जी डिजिटल गिरफ्तारी की धमकियों समेत तमाम घटनाएं घट‍ित होती हैं.

बढ़ते खतरे के मद्देनजर दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ मिलकर एक उन्नत प्रणाली शुरू की है, जो भारतीय दूरसंचार ग्राहकों तक पहुंचने से पहले आने वाली अंतरराष्ट्रीय नकली कॉल की पहचान करने और उन्हें ब्लॉक करने के लिए डिजाइन की गई है.

इस प्रणाली को दो चरणों में लागू किया जा रहा है. पहला, अपने स्वयं के ग्राहकों के फोन नंबरों से नकली कॉल को रोकने के लिए टीएसपी स्तर पर और दूसरा अन्य टीएसपी से ग्राहकों के नंबरों से नकली कॉल को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर.

अब तक, सभी चार टीएसपी ने इस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है. कुल 4.5 मिलियन स्पूफ कॉल में से लगभग एक तिहाई को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में आने से रोका जा रहा है.

अगले चरण में एक केंद्रीकृत प्रणाली को शामिल किया जाएगा, जो सभी टीएसपी में शेष स्पूफ कॉल को समाप्त कर देगी. इसके जल्द ही चालू होने की उम्मीद है.

हालांकि, जनता को धोखा देने के लिए धोखेबाज नए-नए तरीके अपनाते और बनाते रहते हैं. दूरसंचार विभाग इन नए तरीकों की रिपोर्ट होने पर दूरसंचार उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए समय रहते कदम उठा रहा है.

तेजी से विकसित हो रही तकनीक के इस दौर में दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित और संरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं.

हालांकि, इन मजबूत सुरक्षा उपायों के बावजूद अभी भी ऐसे मामले हो सकते हैं, जहां धोखेबाज दूसरे तरीकों से सफल हो जाते हैं.

ऐसे मामलों में दूरसंचार विभाग नागरिकों को संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि दूरसंचार विभाग को साइबर अपराध, वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग की पहचान करने और रोकथाम में मदद मिल सके.

इससे नागरिकों को छद्म पहचान, शोषण से बचाने और संभावित खतरों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करने में भी मदद मिलेगी.

एकेएस/

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now