मुंबई, 13 अप्रैल . छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब इमिग्रेशन अधिकारियों की सजगता से एक बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शमीम मोहम्मद सत्तार को फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ बांग्लादेश जाने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया.
शमीम 2002 से गुजरात के वडोदरा में रह रहा था और खुद को भारतीय नागरिक ‘अजय दिलीपभाई चौधरी’ के नाम से पेश करता था. शुरुआती पूछताछ में वह अपनी पहचान और दस्तावेजों को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे सका, जिसके बाद सहार पुलिस (मुंबई) को सूचना दी गई.
पुलिस जांच में पता चला कि शमीम मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है, जिसने पहले सिंगापुर में काम के दौरान एक भारतीय महिला संगीता चौहान से शादी की थी. 1995 में हुई इस शादी के बाद वह 2002 में भारत आया और वडोदरा में बस गया. अपनी पत्नी संगीता की मदद से उसने फर्जी दस्तावेज बनवाए और अहमदाबाद पासपोर्ट कार्यालय से अजयभाई दिलीपभाई चौधरी के नाम से भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया.
इस फर्जी पासपोर्ट के जरिए शमीम कई बार विदेश यात्रा कर चुका है, जिसमें बांग्लादेश की यात्राएं भी शामिल हैं. जब इमिग्रेशन अधिकारियों ने शमीम से उसकी बांग्लादेश यात्रा को लेकर सवाल किए, तो वह भ्रमित हो गया और सही जवाब नहीं दे सका. संदेह गहराने पर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी असली पहचान और बांग्लादेशी नागरिक होने की बात स्वीकार कर ली.
शमीम ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसने 1992 में बांग्लादेशी महिला तस्लीमा से भी शादी की थी और फिर सिंगापुर में रोजगार के लिए चला गया. मुंबई पुलिस अब शमीम के बैकग्राउंड की विस्तृत जांच कर रही है. उसकी भारतीय पत्नी संगीता की भूमिका भी संदेह के घेरे में है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है.
इमिग्रेशन अधिकारी राजीव रंजन कुमार यादव की शिकायत के आधार पर शमीम के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पासपोर्ट प्राप्त करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. मुंबई पुलिस अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच में जुटी है कि कहीं यह मामला किसी बड़े नेटवर्क से तो जुड़ा नहीं है.
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डीएससी/
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