Mumbai , 13 अगस्त . प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक ओमप्रकाश बाबाराव उर्फ बच्चू कडू को सात साल पुराने एक मामले में बड़ा झटका लगा है. Mumbai की सेशन कोर्ट ने उन्हें एक सरकारी अधिकारी पर हमला करने के मामले में तीन महीने की कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है.
यह मामला 26 सितंबर 2018 का है, जब प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बच्चू कडू Mumbai में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तत्कालीन निदेशक और आईएएस अधिकारी प्रदीप पी. के कार्यालय पहुंचे थे. वहां उन्होंने अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और हमला किया.
कोर्ट ने बच्चू कडू को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोकसेवक को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया. हालांकि, उन्हें जानबूझकर अपमान करने के आरोप से बरी कर दिया गया.
कोर्ट ने उच्च न्यायालय में अपील दायर करने तक कडू की सजा निलंबित कर दी और उन्हें जमानत दे दी.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण नवंदर ने फैसले में कहा, “विधायक होने का मतलब यह नहीं कि आपको हमला करने का लाइसेंस मिल जाता.”
अदालत ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि किसी सरकारी विभाग के कामकाज, प्रबंधन या भर्ती परीक्षाओं के आयोजन को लेकर शिकायतें हो सकती हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई जनप्रतिनिधि सीधे अधिकारी के पास जाकर उस पर हमला करे, उसे धमकाए या उसके काम में रुकावट डाले.
बच्चू कडू, जो कभी विधायक रहे हैं और वर्तमान में प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं, महाराष्ट्र की राजनीति में एक मुखर और आक्रामक नेता के रूप में जाने जाते हैं. यह फैसला उनके लिए कानूनी और राजनीतिक, दोनों ही स्तर पर बड़ा झटका माना जा रहा है.
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वीकेयू/डीएससी
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