New Delhi, 22 अक्टूबर . स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 13 से 17 अक्टूबर तक अखिल भारतीय सीपीआर जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया. इस पहल का उद्देश्य नागरिकों में केवल कंप्रेशन-ओनली कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के प्रति समझ और व्यावहारिक कौशल को बढ़ाना था, ताकि हृदयाघात जैसी चिकित्सा आपात स्थितियों में समय पर हस्तक्षेप कर जीवन बचाया जा सके.
मंत्रालय के मुताबिक, सीपीआर की सिद्ध जीवन-रक्षक क्षमता के बावजूद India में बाईस्टैंडर सीपीआर की दरें अभी भी वैश्विक मानकों से कम हैं. इस अंतर को कम करने के लिए सप्ताह भर चले इस अभियान के तहत व्यापक प्रशिक्षण, जनजागरूकता और व्यवहारिक तैयारी को बढ़ावा दिया गया.
अभियान का उद्देश्य सीपीआर के महत्व पर जनजागरूकता बढ़ाना, विभिन्न हितधारकों के माध्यम से प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन आयोजित करना, युवाओं को स्वयंसेवा के लिए प्रोत्साहित करना और डिजिटल प्लेटफार्मों के जरिये अधिकतम नागरिकों तक पहुंच सुनिश्चित करना था.
इस पहल में केंद्र और राज्य स्तर पर कई मंत्रालयों, विभागों और संगठनों ने भागीदारी की. गृह, रक्षा, श्रम व रोजगार, युवा मामले, खेल, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान तथा एनडीएमए जैसे मंत्रालयों ने समाज के विभिन्न वर्गों तक कार्यक्रम की पहुंच बढ़ाई. वहीं, एम्स, डॉ. आरएमएल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, राष्ट्रीय महत्व के संस्थान और पेशेवर निकायों ने प्रशिक्षण व जागरूकता सत्रों का आयोजन किया.
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियों के तहत पूरे सप्ताह देशभर में व्यापक स्तर पर जनभागीदारी देखी गई. उद्घाटन लाइव प्रतिज्ञा और सीपीआर प्रदर्शन कार्यक्रम में 14,701 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जबकि माईगॅव प्लेटफॉर्म के माध्यम से 79,870 नागरिकों ने डिजिटल प्रतिज्ञा लेकर सीपीआर जागरूकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई.
एम्स, आरएमएल, सफदरजंग और एसजीटी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित ‘सीपीआर तकनीक और दर्शकों की भूमिका’ विषयक पैनल चर्चा में 10,129 प्रतिभागी जुड़े. देशभर में आयोजित प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से 6,06,374 नागरिकों को भौतिक रूप से प्रशिक्षित किया गया. निर्माण भवन में केंद्र Government के कर्मचारियों और सीआईएसएफ कर्मियों सहित 264 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जबकि Prime Minister कार्यालय (पीएमओ) के 70 अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित हुआ. डिजिटल प्लेटफार्मों पर आयोजित सीपीआर क्विज में 36,040 प्रतिभागियों ने भाग लिया और ‘वालंटियर फॉर भारत’ पहल के तहत 368 युवाओं ने सीपीआर जागरूकता के प्रसार में सक्रिय भूमिका निभाई.
मंत्रालय ने social media के माध्यम से भी व्यापक पहुंच बनाई. माईIndia और माईगॅव प्लेटफार्मों के जरिये डिजिटल सहभागिता को बढ़ावा दिया गया. मंत्रालय के यूट्यूब चैनल पर सीपीआर का शैक्षिक वीडियो जारी किया गया, जबकि दूरदर्शन पर ‘टोटल हेल्थ – मेडिकल इमरजेंसी’ शीर्षक से विशेष कार्यक्रम प्रसारित हुआ.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सीपीआर जागरूकता सप्ताह के दौरान देशभर में 7.47 लाख से अधिक नागरिकों को जोड़ा गया और 6.06 लाख से अधिक प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया.
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एएसएच/डीकेपी
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