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धूल फांक रही 79,000 करोड़ रुपये की गाड़ियां, नहीं मिल रहा कोई खरीदार

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Vehicles worth Rs 79,000 crore are gathering dust, no buyers are being found

नई दिल्ली. त्योहारों का मुख्य महीना होने के बावजूद, भारत में कार डीलरशिप पर इन्वेंट्री संकट गहराता जा रहा है. अक्टूबर में अनुमानित 80-85 दिनों की इन्वेंट्री, लगभग 7,90,000 वाहनों के बराबर, और 79,000 करोड़ रुपये मूल्य की भारी इन्वेंट्री ने डीलरों को मुश्किल में डाल दिया है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, त्योहारी मौसम में खुदरा कार बिक्री में सितंबर में 18.81% की गिरावट आई. इस संकट का मुख्य कारण है कार कंपनियों द्वारा अधिक डिलीवरी, जबकि बिक्री में कमी बनी हुई है.

जून में, डीलरों के पास लगभग 45,000 करोड़ रुपये से 54,000 करोड़ रुपये मूल्य की 4,00,000 से 4,50,000 यूनिट्स की इन्वेंट्री थी, जो विभिन्न ब्रांड्स की कारों का स्टॉक था. अब यह इन्वेंट्री संख्या दोगुनी हो चुकी है, जिससे डीलरों पर नकदी संकट गहरा गया है. पहले,छोटी कारों का स्टॉक सबसे ज्यादा था, लेकिन अब यह समस्या सभी सेगमेंट्स में फैल चुकी है. मध्यम वर्ग की कारों की मांग में अचानक गिरावट देखी जा रही है, जबकि प्रीमियम सेगमेंट की कारों में कुछ बेहतर मांग बरकरार है.

मारुति सुजुकी
भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी होने के नाते, मारुति सुजुकी का स्टॉक उच्चतम है. इसके नेक्सा चैनल में 90 दिनों की इन्वेंट्री जबकि एरिना चैनल में स्विफ्ट और ब्रेज़ा जैसे नए मॉडल की मांग अधिक है. इन्वेंट्री को कम करने के लिए मारुति ने छोटे हैचबैक पर भारी छूट दी है.

हुंडई मोटर इंडिया
हुंडई के पास 45-60 दिनों की इन्वेंट्री है. क्रेटा, जो सबसे तेजी से बिकने वाला मॉडल है, में न तो छूट है और न ही बड़ी मात्रा में स्टॉक. नए लॉन्च अल्कजार को बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है जबकि एक्सटर का स्टॉक लगभग 60 दिनों का है.

महिंद्रा एंड महिंद्रा
महिंद्रा की इन्वेंट्री 50 दिनों की है. बोलेरो और स्कॉर्पियो एन जैसी गाड़ियों का स्टॉक महानगरों में अधिक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी मांग ज्यादा है. महिंद्रा की नई SUV लॉन्च से भी डीलरशिप पर आने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ी है.

टाटा मोटर्स
टाटा की नई Nexon iCNG और इलेक्ट्रिक वेरिएंट की मांग अधिक है. हालांकि, Safari और Harrier जैसे मॉडल्स पर छूट दी जा रही है. हालिया रणनीति में टाटा ने डीलरों के लिए थोक लक्ष्यों को कम कर दिया है ताकि इन्वेंट्री का संतुलन बना रहे.

किआ इंडिया
किया के सेल्टोस जैसे मॉडल्स की मांग स्थिर है, और कंपनी डीलरों पर कोई अतिरिक्त स्टॉक का दबाव नहीं बना रही है. कंपनी अगले साल जनवरी में एक नई SUV लॉन्च की तैयारी कर रही है.

नवंबर में सुधार की उम्मीद
FADA के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर के अनुसार, अक्टूबर के अंत तक और नवंबर में त्योहारों के चलते अधिकांश स्टॉक की बिक्री हो सकती है. डीलर्स इस साल के अंत तक अधिकतम इन्वेंट्री को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि नए साल की शुरुआत में भारी छूट देने की आवश्यकता न पड़े.

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