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बरसते बादलों के बीच सत्ता से सादगी की तरफ चले धनखड़, खाली किया सरकारी बंगला, कार्टन में भरकर ले गए सामान!

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Jagdeep Dhankhar: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया अब दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में शिफ्ट हो गए हैं. यह फार्महाउस इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के नेता अभय चौटाला का है. सरकारी बंगले से उनका सामान ले जाती हुई गाड़ियों को देखा जा सकता है. तस्वीरें काफी कुछ कह रही हैं, क्योंकि जिस समय जगदीप धनखड़ के सामान सरकारी बंगले से शिफ्ट किया जा रहा था तो उसी समय तेज बारिश हो रही थी.

74 वर्षीय धनखड़ ने शहरी विकास मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर सरकारी आवास मांगा है, ताकि उन्हें नियमों के हिसाब से पूर्व उपराष्ट्रपति को मिलने वाला बंगला मिल सके. नियमों के मुताबिक पूर्व उपराष्ट्रपति को टाइप-8 बंगला मिलता है और धनखड़ को इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. उन्हें 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर बंगला अलॉट हुआ है लेकिन उसके तैयार होने में करीब तीन महीने लगेंगे. फिलहाल वे संसद भवन के पास उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रह रहे थे.

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के अधिकारियों ने उपराष्ट्रपति सचिवालय को बताया है कि अब्दुल कलाम मार्ग वाले बंगले की मरम्मत और सजावट का काम पूरा होने में तीन महीने लगेंगे. नियमों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री को लुटियंस जोन में टाइप-8 का बंगला या फिर अपने पुश्तैनी घर पर 2 एकड़ जमीन दी जाती है.

21 जुलाई को दिया था धनखड़ ने इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने अचानक 21 जुलाई को (मानसून सत्र के पहले दिन) स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक रहना था. अब उनके उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए 9 सितंबर को वोटिंग होगी. इस चुनाव में एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुधर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है.

जगदीप धनखड़ के मिलेंगी 3 पेंशन
धनखड़ ने हाल ही में राजस्थान में पूर्व विधायक की पेंशन के लिए आवेदन किया है. वे 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा से कांग्रेस विधायक रहे थे. उन्हें पहले विधायक पेंशन मिलती थी लेकिन जुलाई 2019 में जब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने तो वह बंद हो गई थी.

अधिकारियों के मुताबिक अब वे तीन पेंशन के हकदार हैं, पूर्व उपराष्ट्रपति के तौर पर, पूर्व सांसद के तौर पर और राजस्थान विधानसभा के पूर्व सदस्य के तौर पर. राजस्थान में एक कार्यकाल के विधायक की पेंशन 35 000 रुपये महीने से शुरू होती है और उम्र व कार्यकाल के हिसाब से बढ़ती है. 70 साल से ऊपर वालों को 20% ज्यादा मिलता है. 74 साल के धनखड़ को अब 42,000 रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी.

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