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शादी करने को राजी` नहीं हैं इस राज्य की लडकियां, उम्र निकलने के बाद भी नहीं बसाना चाहती घर

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Marriage: आजकल रिश्तों में वह स्वाद नहीं रहा जो पहले हुआ करता था. यहां तक कि विवाह (Marriage) भी लोगों के लिए मजाक बन गया है; वे एक व्यक्ति के साथ रहकर रिश्ता निभाने के आदी नहीं हैं. खासकर आजकल लड़कियां स्वतंत्र हो गई हैं और उन्होंने शादी न करने का फैसला कर लिया है.

इस तरह आपको 60% लड़कियां ऐसी मिल जाएंगी जो उम्र पार करने के बाद भी शादी नहीं करना चाहती हैं, तो चलिए आगे जानते हैं किस राज्य की उन लड़कियों के बारे में जो घर बसाना नहीं चाहती हैं?

बदलती सोच, बदलती प्राथमिकताएं image

जम्मू-कश्मीर की युवतियों में एक नया चलन उभर रहा है. जहाँ एक समय शादी (Marriage) को जीवन का एक अहम हिस्सा माना जाता था, वहीं अब कई युवतियाँ शादी से कतराने लगी हैं. करियर, आत्मनिर्भरता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता देने वाली ये युवतियां उम्र सीमा पार करने के बाद भी घर बसाने को लेकर गंभीर नहीं हैं. अब जम्मू-कश्मीर में समाज की सोच पर उठ रहे हैं सवाल.

अब Marriage नहीं, करियर पहली पसंद

राज्य में शिक्षा के बढ़ते स्तर और करियर के अवसरों ने महिलाओं की सोच में बदलाव लाया है. जहाँ पहले 22-25 वर्ष की आयु को शादी (Marriage) के लिए आदर्श आयु माना जाता था, वहीं अब महिलाएँ इस समय का उपयोग शिक्षा और रोज़गार के लिए कर रही हैं. डॉक्टर, इंजीनियर, बिज़नेस, शिक्षक बनने और सरकारी सेवाओं में शामिल होने का चलन लगातार बढ़ रहा है.

माता-पिता की चिंता बढ़ी

यह बदलाव गाँवों और कस्बों में चर्चा का विषय बना हुआ है. माता-पिता मानते हैं कि एक उम्र के बाद जीवनसाथी मिलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन लड़कियाँ कहती हैं, “जब तक सही जीवनसाथी न मिल जाए, अविवाहित रहना ही बेहतर है।” यह सोच माता-पिता की रातों की नींद उड़ा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में लगभग 57% महिलाएँ वर्तमान में अविवाहित हैं. इनमें विधवाएँ और तलाकशुदा महिलाएँ भी शामिल हैं. यहाँ महिलाओं की शादी (Marriage) की औसत आयु अब बढ़कर 24 वर्ष हो गई है, जबकि राष्ट्रीय औसत 22 वर्ष है.

समाज में उठ रही बहस

कुछ लोग इसे आधुनिक सोच और महिलाओं की आज़ादी का प्रतीक मानते हैं, जबकि कुछ का कहना है कि इसका पारिवारिक ढाँचे पर असर पड़ सकता है. पुरानी पीढ़ी का मानना है कि “जल्दी शादी (Marriage) करना ज़्यादा सुरक्षित है।”

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