Gangster : भारतीय राजनीति में जब भी 1990 के दौर को याद किया जाता है तो उत्तर प्रदेश और बिहार के बाहुबलियों और गैंगस्टर्स (Gangster) की कई कहानियां सामने आती हैं। ये वह दौर था जब उत्तर प्रदेश और बिहार की धरती पर बड़े-बड़े और नामी बाहुबली अपने कारनामों से मीडिया में सुर्खियां बटोरते थे।
आज हम आपको उन्हीं बाहुबलियों में से से जुड़ा एक किस्सा बता रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक बाहुबली डॉन पैदा हुए। लेकिन 90 के दशक में उत्तर प्रदेश में जो खौफ इस गैंगस्टर (Gangster) का का था वो किसी का नहीं था। वैसा खौफ पूरे उत्तर प्रदेश में फिर किसी का नहीं हो सकता।
Gangster श्रीप्रकाश शुक्ला था यूपी का मुख्य डॉनहम बात कर रहे हैं कुख्यात डॉन (Gangster) रहें श्रीप्रकाश शुक्ला का खौफ ऐसा था कि महज 24 साल की उम्र में वह उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेड अपराधी बन गया था। उसने यूपी के मौजूदा सीएम कल्याण सिंह की हत्या की सुपारी भी ले ली थी। अपने 5 साल के आपराधिक जीवन में गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला ने 80 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी। श्रीप्रकाश शुक्ला पर कई बॉलीवुड फिल्में और कई वेब सीरीज भी बन चुकी हैं। लेकिन इन सभी में अब तक श्रीप्रकाश शुक्ला के जीवन के सभी पहलुओं को नहीं छुआ गया है।
जिंदा रहते कर देता 101 हत्या तो हो जाता अमर?गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला को पुलिस कभी जिंदा नहीं पकड़ पाई। श्रीप्रकाश शुक्ला को पुलिस जिंदा रहते कभी गिरफ्तार नहीं कर पाई। किसी बाबा ने श्रीप्रकाश शुक्ला से कहा था कि अगर वह 101 हत्याएं करेगा तो अमर हो जाएगा। उसे कोई नहीं मार पाएगा और जब एसटीएफ ने गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला को एनकाउंटर में मारा तब तक वह कुल 86 हत्याएं कर चुका था। इसके अलावा श्रीप्रकाश शुक्ला ने कुल 35 ब्राह्मणों की हत्या की थी।
गैंगस्टर से पुलिस भी खाती थी खौफएक बार जब पुलिस गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला का पीछा करते हुए उसकी गाड़ी के पास पहुंची तो उसने बीच सड़क पर पुलिसकर्मियों से अपनी गाड़ी का शीशा नीचे करने को कहा और फिर अपनी गाड़ी में रखी एके-47 दिखाई, जिसके बाद सभी पुलिसकर्मी वहां से भाग गए। 90 के दशक में उसका परिवार इलाके के संभ्रांत परिवारों में गिना जाता था।
अंग्रेजी छोड़ हिंदी मीडियम में पढ़ा श्रीप्रकाश90 के दशक में जब गोरखपुर में इंग्लिश मीडियम स्कूल गिने-चुने ही थे। तब उसके पिता ने गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला का एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया था। हालांकि श्रीप्रकाश को अंग्रेजी पसंद नहीं थी और जल्द ही उसे गोरखपुर के पास दौलतपुर गांव में लोकनायक ज्ञानभारती विद्या मंदिर स्कूल में एडमिशन कराना पड़ा। तभी गांव में विवाद होता है। श्रीप्रकाश शुक्ला गांव के ही एक युवक की हत्या कर देता है। पुलिस उसे जेल भेज देती है।
1998 में मुठभेड़ में मरा श्रीप्रकाश
जेल में रहकर गैंगस्टर (Gangster) श्रीप्रकाश शुक्ला ने अपराध की दुनिया का ककहरा सीखा। श्रीप्रकाश शुक्ला की खासियत यह थी कि वह अपने गैंग में एक बार में 3 से ज्यादा सदस्यों को नहीं रखता था। हालांकि 23 सितंबर 1998 को भाजपा के मौजूदा सांसद साक्षी महाराज की हत्या के इरादे से दिल्ली आए श्रीप्रकाश शुक्ला को यूपीएसटीएफ ने इंदिरापुरम इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया था।
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