Russia Weapons: मिसाइल का नाम है 9M729. यह रूस का कोई नया हथियार नहीं है. बल्कि इसको बनाने का काम 2000 के दशक में शुरू हुआ था और इसकी टेस्टिंग 2008 में की गई. एक दशक बाद इसको रूसी सेना को इस्तेमाल के लिए सौंपा गया.
चाहे 14 हजार किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल हो या फिर पानी के अंदर रेडियोएक्टिव सुनामी लाकर दुश्मन को तबाह कर देने वाली टॉरपीडो. रूस के हथियारों ने हमेशा दुनिया को दहलाए रखा है. अब रूस की एक और मिसाइल ने यूक्रेन और दुनिया के होश उड़ा दिए हैं.
इस मिसाइल का नाम है 9M729. यह रूस का कोई नया हथियार नहीं है. बल्कि इसको बनाने का काम 2000 के दशक में शुरू हुआ था और इसकी टेस्टिंग 2008 में की गई. एक दशक बाद इसको रूसी सेना को इस्तेमाल के लिए सौंपा गया.
जमीन से दागी जाने वाली ये क्रूज मिसाइल डिजाइन ब्यूरो NPO नोवाटर ने बनाई है. यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने रॉयटर्स को बताया कि हाल के महीनों में रूस ने 9M729 मिसाइल सिस्टम से यूक्रेन पर काफी हमले किए हैं. इसी मिसाइल को गुप्त तौर पर बनाने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कार्यकाल में रूस के साथ न्यूक्लियर आर्म्स कंट्रोल ट्रीटी से हाथ वापस खींच लिए थे.
क्या है 9M729 मिसाइल?
इस मिसाइल की सबसे पहली बार टेस्टिंग जुलाई 2014 में की गई थी. साल 2019 में मॉस्को ने इस सिस्टम को स्वीकार्यता दी थी. यह 9M728(SSC-7) की उत्तराधिकारी थी. इसे इशकंदर-एम लॉन्चर से दागा जाता है. 9M729 की रेंज 9M728 से ज्यादा है और इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम लगे हैं.
क्या है इसकी क्षमता?
9M729 पारंपरिक और न्यूक्लियर वॉरहेड ले जा सकती है. इसको सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है. यह 450 किलो पेलोड ले जा सकती है. इसकी लंबाई 6 से 8 मीटर तक होती है. यह 1500 से 2500 किलोमीटर तक मार कर सकती है. इसका मतलब है कि यह एशिया और यूरोप में कहीं भी हमला कर सकती है.
विवाद क्या है?
9M729 लंबे समय से रूस और अमेरिका के बीच एक बड़े हथियार नियंत्रण विवाद का केंद्र रहा है. 1987 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव के बीच एक डील साइन हुई थी, जिसमें मध्यम दूरी की परमाणु शक्ति (INF) संधि ने 500 से 5,500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली भूमि-आधारित बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों पर बैन लगा दिया था.
संधि का किया उल्लंघन!
अमेरिका ने रूस पर संधि की सीमाओं का उल्लंघन करते हुए गुप्त रूप से 9M729 विकसित करने और तैनात करने का आरोप लगाया, जबकि रूस ने किसी भी उल्लंघन से इनकार किया और जोर देकर कहा कि हथियार का निर्माण उसकी सीमा के भीतर ही है. इस विवाद की वजह से साल 2019 में अमेरिका ने रूस की ओर से संधि का पालन न करने का हवाला देते हुए INF संधि से हटने का फैसला किया.
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