हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उनका घर हमेशा खुशहाल और समृद्ध रहे। परिवार में शांति और तिजोरी में धन का होना सभी को भाता है। लेकिन इस सुखद वातावरण को बनाए रखने के लिए हमें कुछ धार्मिक और वास्तु संबंधी नियमों का पालन करना चाहिए। इनका अनुसरण करने से घर में खुशहाली बनी रहती है, जबकि इन्हें नजरअंदाज करने से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
दहलीज के महत्व को समझें
आज हम आपको घर की दहलीज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में बताएंगे। शास्त्रों के अनुसार, दहलीज पर भगवान का निवास होता है। आपने अक्सर सुना होगा कि दहलीज पर खड़े नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे पाप लगता है। दादी-नानी भी कहती हैं कि दहलीज पर बैठकर खाना नहीं खाना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण है?
दहलीज पर भोजन करने से बचें दहलीज के सामने भूलकर भी न करें भोजन
आधुनिक घरों में दहलीज का निर्माण लगभग समाप्त हो चुका है, लेकिन दरवाजे के बीच की जगह पर भगवान का वास होता है। इसलिए इसके नियमों का पालन करना आवश्यक है। कुछ लोग मुख्य दरवाजे और रसोई की दहलीज लकड़ी की बनवाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दहलीज पर बैठना या उसके ऊपर भोजन करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से देवता नाराज होते हैं, जिससे घर में दरिद्रता का आगमन होता है। इसके परिणामस्वरूप धन की कमी और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
चौखट पर जूते-चप्पल न रखें चौखट के सामने जूते-चप्पल भी न खोलें
कुछ मान्यताओं के अनुसार, दहलीज पर मां लक्ष्मी का निवास होता है। यदि आप चौखट के बाहर अपने जूते-चप्पल उतारते हैं, तो यह मां लक्ष्मी का अपमान होता है। इससे वह घर छोड़ देती हैं और गरीबी का आगमन होता है।
दहलीज पर न करें ये काम ये काम भी चौखट पर न करें

दहलीज पर बैठकर या उसके सामने खड़े होकर नाखून काटना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है। इसके अलावा, दहलीज पर बैठकर मांसाहारी भोजन करना भी वर्जित है, क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं।
दहलीज पर कैलेंडर या घड़ी जैसी चीजें टांगने से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये भी अशुभ मानी जाती हैं।
अशुभ कार्यों से बचें
इन नियमों का पालन करके आप अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रख सकते हैं।
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