वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से के लिए उचित दिशा और स्थान का निर्धारण किया गया है, जिसमें पूजा घर भी शामिल है। पूजा घर के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे अनुकूल माना गया है, जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है। इस दिशा में पूजा स्थल बनाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ईशान कोण देवी-देवताओं की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में स्थापित मंदिर घर में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि लाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव और जल के देवता वरुण का निवास इसी दिशा में होता है। यह दिशा आध्यात्मिक उन्नति और शांति का प्रतीक है।
पूजा करते समय ध्यान रखें कि पूजा स्थल का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। इसके अलावा, ईशान कोण में पानी का टैंक, कुआं, हौज या बोरवेल बनवाना भी शुभ होता है, क्योंकि यहां वरुण देवता का वास होता है।
ईशान कोण में गलतियों से बचें
घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि ईशान कोण हमेशा साफ, हवादार और हल्का रहे। इस स्थान पर कचरा या भारी सामान नहीं रखना चाहिए, अन्यथा घर के लोगों की तरक्की रुक सकती है।
उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम या टॉयलेट बनवाना कंगाली और बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, इस दिशा में बेडरूम या तिजोरी रखना तनाव और आर्थिक तंगी को बढ़ा सकता है।
You may also like
AUS vs SA ODI: साउथ अफ्रीका की टीम में हुई 19 साल के Kwena Maphaka की एंट्री, Baby AB को लेकर भी आई अच्छी खबर
संसद में विपक्ष का प्रदर्शन, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही हुई स्थगित
भारत में जीएसटी में सुधार और ब्याज दरों के कम होने से घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा: मॉर्गन स्टेनली
शेख हसीना के बेटे ने दुख के साथ कहा- बांग्लादेश में अब शोक मनाना अपराध
ये हैं भारत के 7 आश्रम जहां ठहर सकते हैंˈ मुफ्त में नहीं लगता एक भी पैसा खाना-पीना सब कुछ फ्री यहां खूबसूरती भी है और दिल का सुकून भी