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नींद की गुणवत्ता पर विटामिन डी का प्रभाव: जानें कैसे करें सुधार

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नींद और स्वास्थ्य का महत्व

स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है। रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कई लोग रात में नींद की कमी का सामना करते हैं और बार-बार करवटें बदलते हैं। इस स्थिति को इन्सोमनिया कहा जाता है, जो कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है, जैसे कमरे का तापमान, नीली रोशनी, कैफीन आदि। इसके अलावा, शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी नींद की समस्या का कारण बन सकती है।


विटामिन डी और नींद का संबंध विटामिन डी की कमी का प्रभाव
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, विटामिन डी की कमी से नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिन व्यक्तियों में विटामिन डी की कमी होती है, वे अक्सर रात में अच्छी नींद नहीं ले पाते। विटामिन डी रिसेप्टर्स मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में होते हैं, जो नींद को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।


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इस विटामिन की उपस्थिति नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण होती है। विटामिन डी मेलाटोनिन के उत्पादन को प्रभावित करता है, जो नींद की गुणवत्ता पर गहरा असर डालता है।


सूरज की रोशनी और विटामिन डी सूरज से विटामिन डी की प्राप्ति

विटामिन डी को 'सनशाइन विटामिन' कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य की रोशनी से प्राप्त होता है। लेकिन केवल सूरज की रोशनी से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना संभव नहीं है। अधिक धूप भी हानिकारक हो सकती है। इसलिए, आपको विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।


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यदि आप नियमित रूप से विटामिन डी का सेवन करते हैं, तो न केवल आपकी नींद में सुधार होगा, बल्कि आप कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बच सकते हैं। हाल ही में एक अध्ययन में यह पाया गया कि विटामिन डी के स्तर और नींद की गुणवत्ता के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है।


विटामिन डी के स्रोत विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ
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सुबह की धूप के अलावा, आप कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के माध्यम से भी विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं: कॉड लिवर ऑयल, सैल्मन, स्वोर्डफिश, टूना, संतरे का रस, डेयरी उत्पाद, प्लांट मिल्क, सार्डिन, और अंडे की जर्दी।


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