पश्चिम बंगाल में हाल ही में एक बार फिर से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। भांगर क्षेत्र में स्थिति उस समय बिगड़ गई जब ISF (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के समर्थकों को कोलकाता की ओर बढ़ने से रोका गया। पुलिस की कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारी भड़क उठे, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस और समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
दक्षिण 24 परगना में हिंसा की घटनाएं
वीडियो और तस्वीरों में पुलिस की क्षतिग्रस्त गाड़ियों और जलते हुए दोपहिया वाहनों को देखकर भांगर में हुई हिंसा की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस घटना में 10 लोग घायल हुए हैं। इससे पहले मुर्शिदाबाद में भी गंभीर हिंसा हुई थी, जिसमें तीन लोगों की जान गई थी। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। अर्द्धसैनिक बलों ने किसी तरह से स्थिति को संभाला था।
ISF समर्थकों द्वारा आगजनी
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मुर्शिदाबाद के बाद अब दक्षिण 24 परगना के भांगर में भी हिंसा की घटनाएं हुई हैं। बताया जा रहा है कि यह हिंसा तब हुई जब पुलिस ने कोलकाता में प्रदर्शन के लिए जा रहे ISF समर्थकों की बसों को रोक दिया। वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के कई जिलों, जैसे मालदा, मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, और इस पर टीएमसी और भाजपा एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और ISF का विरोध
राज्य विधानसभा में तृणमूल, भाजपा और ISF का प्रतिनिधित्व है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब पुलिस ने भांगर से आ रहे ISF के वाहनों को कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर बढ़ने से रोका, तो उग्र कार्यकर्ताओं ने बसंती एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया। इसके परिणामस्वरूप पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया और दोपहिया वाहनों में आग लगा दी गई।
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