टेड काजिंस्की, जिसे 'यूनाबॉम्बर' के नाम से जाना जाता है, ने अमेरिका में आतंक फैलाने के लिए बमबारी का सहारा लिया। उसे आधुनिक जीवन, तकनीक और उद्योगों से नफरत थी, और उसने इनसे बदला लेने का निर्णय लिया।
थियोडोर काजिंस्की का जन्म 1942 में अमेरिका में हुआ। वह बचपन से ही प्रतिभाशाली था और 16 साल की उम्र में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया। गणित में उसकी क्षमता अद्वितीय थी, और उसका आईक्यू स्कोर 167 था।
काजिंस्की ने 25 साल की उम्र में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम किया, लेकिन जल्द ही उसने समाज से अलगाव का रास्ता चुना। उसने नौकरी छोड़कर विद्रोह का रास्ता अपनाया और बम बनाने लगा।
वह अपने बमों को लेटर या पार्सल में छिपाकर भेजता था। जब लोग उन्हें खोलते थे, तब बम फट जाते थे। इस तरह उसने 17 वर्षों तक कई लोगों को निशाना बनाया।
काजिंस्की ने 1978 से 1995 के बीच कई बम हमले किए, जिससे अमेरिका में दहशत फैल गई। एफबीआई ने उसे पकड़ने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन वह लंबे समय तक गुमनाम रहा।
1995 में, उसने एक मैनिफेस्टो प्रकाशित किया, जिसमें उसने तकनीक और आधुनिक जीवन के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए।
अप्रैल 1996 में, उसे मोंटाना में गिरफ्तार किया गया। उसके पास बम बनाने का सामान और कई पत्रिकाएं थीं।
काजिंस्की को उम्रकैद की सजा मिली, लेकिन 10 जून को जेल में उसकी मौत हो गई। उसने 81 साल की उम्र में अपने जीवन का अंत किया।
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