आज हम एक ऐसी बेटी की कहानी पर चर्चा करेंगे, जो पाकिस्तान में अपने साहस के लिए जानी जाती है। हम बात कर रहे हैं मुख्तार माई की, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
घटना का संक्षिप्त विवरण साल 2002 में, मुख्तार के छोटे भाई पर आरोप लगा कि उसने एक महिला के साथ अवैध संबंध बनाए हैं। इस मामले में पंचायत ने फैसला सुनाया कि उसे सजा दी जाएगी। पंचायत ने यह तय किया कि उसके भाई की गलती की सजा उसकी बहन को दी जाएगी। इसके परिणामस्वरूप, मुख्तार का सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि लोग इसे देख रहे थे।
न्याय की खोज में मुख्तार इस भयानक घटना के बाद, लोगों ने सोचा कि मुख्तार आत्महत्या कर लेगी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया और 14 लोगों को आरोपी बनाया, जिनमें से कुछ पंचायत के सदस्य भी थे। पाकिस्तान की लोअर कोर्ट ने 6 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई, जबकि 8 को रिहा कर दिया। 2005 में, लाहौर हाईकोर्ट ने 5 आरोपियों को बरी कर दिया, लेकिन मुख्य आरोपी को उम्रकैद की सजा दी गई। मुख्तार का कहना है कि उसे अंततः न्याय मिलेगा।
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