पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह नाजुक भी हो सकता है। कई बार छोटी-छोटी बातें इतनी बढ़ जाती हैं कि दोनों अलग होने का निर्णय ले लेते हैं। इनमें से एक आम समस्या है खर्राटे लेना। कई पुरुष सोते समय जोर से खर्राटे लेते हैं, जो कि भारत में तलाक का एक कारण बन रहा है। इसे 'स्लीप डिवॉर्स' के नाम से जाना जाता है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश की एक महिला ने अपने पति के खर्राटों के कारण तलाक की अर्जी दी। पत्नी का कहना था कि उसके पति की खर्राटे लेने की आदत से उसकी नींद प्रभावित हो रही है। उसे ऐसा महसूस हुआ कि वह धोखे का शिकार हो रही है। इसी तरह के कई मामले विश्वभर में देखे जा रहे हैं। अमेरिका में, पिछले कुछ वर्षों में, कपल्स के अलग-अलग कमरों में सोने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इंटरनेशनल हाउसवेयर्स एसोसिएशन द्वारा जनवरी 2023 में किए गए एक सर्वे में पता चला कि अमेरिका में 20 प्रतिशत कपल्स अलग-अलग कमरों में सोते हैं, और इसका मुख्य कारण खर्राटे लेना है।
खर्राटे लेने के कारण क्या हैं?
खर्राटे लेना कोई बीमारी नहीं है और इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जब हम सोते समय सांस लेते हैं, तो हमारे सिर और गर्दन के कोमल ऊतकों में कंपन के कारण खर्राटे की आवाज उत्पन्न होती है।
खर्राटे से जुड़ी अन्य समस्याएं
अगर खर्राटे को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इससे अन्य जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:
*दोपहर में नींद आना
*निराशा
*गुस्सा आना
*ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
*उच्च रक्तचाप
*स्ट्रोक
*गाड़ी चलाते समय दुर्घटना का खतरा
*खर्राटे रोकने के उपाय
खर्राटे के कारणों को समझना महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं, जिससे आपको उचित उपचार मिल सके। इसके अलावा, कुछ उपाय भी अपनाए जा सकते हैं।
*सिगरेट और शराब से दूर रहें
*वजन को नियंत्रित करें
*यदि आप दांतों का नकली सेट लगाते हैं, तो उसे सोने से पहले निकाल दें
*बाईं करवट सोएं
*यदि सांस की नली में कोई समस्या है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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