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गोमुखासन: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी योगासन

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गोमुखासन का महत्व

नई दिल्ली। योग का अभ्यास स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल बीमारियों का उपचार करता है, बल्कि शरीर को भी तंदुरुस्त बनाता है। गोमुखासन, जिसे गाय के मुख के आकार के कारण यह नाम दिया गया है, कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक है। इस आसन के नियमित अभ्यास से सांस संबंधी बीमारियाँ, हड्डियों का दर्द और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।


गोमुखासन करने की विधि

इस आसन को करने के लिए पहले साधारण स्थिति में बैठें। फिर बाएं पैर को दाएं पैर के ऊपर रखें। अब दाएं हाथ को कंधे के पार ले जाकर पीछे की ओर ले जाएं और बाएं हाथ को पीठ के पीछे ले जाकर दाएं हाथ से मिलाएं। कुछ समय इसी स्थिति में रहें, फिर सामान्य स्थिति में लौटें और थोड़ी देर आराम करें। इसे दोहराएं।


गोमुखासन के स्वास्थ्य लाभ

गोमुखासन हड्डियों के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह शरीर को खींचता है, जिससे दर्द में आराम मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, जिससे पीठ और कूल्हों के दर्द में कमी आती है। यह आसन गर्भवती महिलाओं के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान सहारा देता है।


ब्लड प्रेशर और अस्थमा में लाभ

गोमुखासन उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। यह रक्त संचार को बेहतर बनाता है और बीपी को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं में भी सहायक है, क्योंकि यह फेफड़ों को मजबूत करता है।


लचीलापन और मजबूती

यह आसन शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है। गोमुखासन के अभ्यास से शरीर की लचीलापन बढ़ती है और हड्डियाँ मजबूत होती हैं। इसके अलावा, यह कंधों को भी मजबूत बनाता है।


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