दुनिया भर में कई लोग सुबह उठने पर पेट साफ न होने की समस्या का सामना करते हैं। पेट से जुड़ी समस्याएँ, जैसे कि कब्ज, आम हैं और ये दिनभर के मूड को प्रभावित कर सकती हैं। पेट साफ न होने से अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी खतरा बढ़ता है। आयुर्वेद में पेट और आंतों की सफाई के लिए कई जड़ी-बूटियाँ मौजूद हैं। यहाँ हम तीन ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में चर्चा करेंगे जो प्राकृतिक तरीके से आंतों की सफाई में मदद करती हैं।
त्रिफला एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि है, जो आंतों की सफाई, कब्ज को दूर करने और पाचन में सुधार करने में सहायक है। यह तीन जड़ी-बूटियों का मिश्रण है: विभीतकी, हरीतकी और आंवला। ये सभी जड़ी-बूटियाँ एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रेचक गुणों से भरपूर होती हैं। त्रिफला का सेवन पानी या दूध के साथ किया जा सकता है।
एलोवेरा एक और प्रभावी जड़ी-बूटी है, जो आंतों की सफाई में मदद करती है। इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। एलोवेरा का रस पीने या इसके जेल का सेवन करने से मल त्याग में आसानी होती है।
पुदीना एक ताजगी भरी जड़ी-बूटी है, जो आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसमें भी फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। पुदीने की चाय पीने या इसके पत्तों का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है और कब्ज से राहत मिलती है।
आंतों की सफाई के लिए कुछ अन्य सुझाव: पर्याप्त पानी पिएं, स्वस्थ आहार लें जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक हो, नियमित व्यायाम करें और तनाव को कम करने के लिए योग या ध्यान का अभ्यास करें।