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भारतीय मसालों का अंतरराष्ट्रीय सफर: नौकरी छोड़कर शुरू किया सफल बिजनेस

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भारतीय मसालों की बढ़ती मांग

भारतीय मसालों की सुगंध अब विदेशों में भी फैलने लगी है। एक जोड़े ने अपनी नौकरी छोड़कर मसालों का व्यवसाय शुरू किया, जो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है।


सफलता की कहानी

मेहनत और गुणवत्ता के बल पर उन्होंने अपने उत्पादों की मांग को बढ़ाया है, जिससे उनकी सालाना आय 55 लाख रुपये तक पहुंच गई है।


पुणे के कुडजे में रहने वाले रसिका और मंगेश पायगुडे, जो पहले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में कार्यरत थे, ने कोरोना महामारी के दौरान कुछ नया करने का निर्णय लिया। उन्होंने खादी ग्रामोद्योग से प्रशिक्षण लेकर 2020 में 'अदित' नामक ब्रांड की स्थापना की।


यूट्यूब से मिली प्रेरणा

रसिका ने बताया कि उन्होंने और मंगेश ने कोरोना के दौरान बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। समाज के लिए कुछ नया करने की सोच के साथ, उन्होंने यूट्यूब से प्रेरणा लेकर मसाले बनाने की शुरुआत की। इसके लिए उन्होंने खादी ग्रामोद्योग से 35 मसालों का प्रशिक्षण लिया।


ग्राहकों का बढ़ता आधार

उनके उत्पादों की बिक्री पुणे, मुंबई, नाशिक, कोल्हापुर, नागपुर और इंदौर जैसे शहरों में हो रही है। कई परिवार जो विदेश में रहते हैं, पुणे आने पर मसाले खरीदते हैं। इसके अलावा, कूरियर के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, कनाडा और न्यूजीलैंड में भी उनके मसाले भेजे जाते हैं।


परिवार का सहयोग

इस व्यवसाय में परिवार का महत्वपूर्ण सहयोग मिला है, जिससे यह सफर संभव हो पाया है। उनके पास 32 प्रकार के मसाले और चार प्रकार की चटनी हैं, जिसमें चिकन मसाला, बिरयानी मसाला, मालवणी, कोल्हापुरी, फिश करी, फिश फ्राई, गोडा मसाला और कोकणी मसाला शामिल हैं। वर्तमान में लगभग 8 महिलाएं इस काम में शामिल हैं।


प्रेरणा का स्रोत

यह कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर किसी व्यक्ति में कुछ करने की इच्छा हो, तो कोई भी बाधा उनके रास्ते में नहीं आ सकती। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है जिसे हर किसी को ध्यान में रखना चाहिए।


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