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कलावे के उपाय: आर्थिक समृद्धि के लिए 5 रुपये का महत्व

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कलावे का महत्व और उपयोग

कलावा का उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में किया जाता है। इसे कलाई पर बांधने की परंपरा है, जिसे आमतौर पर रक्षा सूत्र कहा जाता है।



इसकी मान्यता है कि यह व्यक्ति की रक्षा करता है, इसलिए धार्मिक कार्यों में इसका विशेष महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलावे के कुछ खास उपाय आर्थिक समृद्धि में मदद कर सकते हैं? आइए जानते हैं कि 5 रुपये का कलावा आपकी किस्मत को कैसे बदल सकता है।


कलावे से जुड़े उपाय

किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा या शुक्रवार को एक 5 रुपये का कलावा लें। इसके बाद इसे पांच समान हिस्सों में बांट लें। पहले हिस्से को तुलसी के पौधे में बांधें, दूसरे को पीपल के पेड़ में।


तीसरे हिस्से को घर की पूर्व दिशा में किसी वस्तु से बांधकर लटकाएं, या तिजोरी में भी रख सकते हैं। चौथा हिस्सा घर के मंदिर के ऊपरी हिस्से पर बांधें, और अंतिम हिस्सा रसोई में बांध दें।


कहा जाता है कि इन उपायों से धन की समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यह उपाय अटके हुए धन को प्राप्त करने में भी सहायक माना जाता है।


कलावा बंधवाते समय ध्यान रखने योग्य बातें

कलावा हमेशा मुट्ठी बांधकर बंधवाना चाहिए, और ध्यान रखें कि दूसरा हाथ सिर पर हो। इसे तीन या पांच बार घुमाकर बांधना चाहिए।


कलावा बांधते समय "येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेन त्वां मनुबध्नामि रक्षंमाचल माचल" मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। बिना मंत्र के कलावा धारण करने से बचें।


किसी भी हिंदी महीने की अमावस्या (कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि) को पुराना कलावा उतारा जा सकता है, और इसी दिन नया कलावा पहनना भी उचित है।


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