पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच सीएम हाउस में डेढ़ घंटे तक एक गोपनीय बैठक हुई। इस बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सहमति से दोनों नेताओं ने मिलकर बीजेपी को बिहार सरकार से बाहर करने की योजना बनाई है। यह संभावना जताई जा रही है कि एक फरवरी को मोदी सरकार का बजट पेश होने के बाद बिहार में राजनीतिक बदलाव आ सकता है।
इस जानकारी का खुलासा सिटी पोस्ट लाइव के मैनेजिंग एडिटर श्रीकांत प्रत्यूष ने किया। उन्होंने बताया कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि बीजेपी को बिहार सरकार से बाहर करने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
श्रीकांत ने यह भी बताया कि लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के नीतीश कुमार के साथ अच्छे संबंध बन गए हैं। ऐसे में यह संभव है कि जब नीतीश कुमार एनडीए छोड़ें, तो चिराग पासवान को भी इंडिया अलायंस में शामिल कर लें। यदि ऐसा होता है, तो बीजेपी बिहार में अलग-थलग पड़ जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जदयू में ललन सिंह और संजय झा को किनारे किया जा रहा है, और नीतीश कुमार अब पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा पर भरोसा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव की मनीष वर्मा से मुलाकात के बाद ही उन्होंने नीतीश कुमार से मिलने का निर्णय लिया।
श्रीकांत प्रत्यूष ने यह स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज़ हैं और वे भारत रत्न लेकर मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे, भले ही डिप्टी सीएम बदलते रहें। बिहार में नीतीश कुमार को किनारे करके कोई भी सरकार नहीं बना सकता।
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