बोर्ड परीक्षा का समय चल रहा है, और सभी छात्र अपनी पढ़ाई में व्यस्त हैं। इस संदर्भ में, हम छात्रों के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स साझा कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है? हमारे दैनिक कार्यों पर वास्तु के सही या गलत होने का गहरा प्रभाव पड़ता है। कई बार, हम अपनी मेहनत के बावजूद अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाते।
वास्तु शास्त्र में दिशा का विशेष महत्व है। गलत दिशा में कार्य करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए, पंडित शैलेंद्र पांडे से जानते हैं कि पढ़ाई के लिए कौन सी दिशा सबसे उपयुक्त है और किस दिशा में पढ़ाई से बचना चाहिए।
पढ़ाई के लिए सही दिशा
पंडित शैलेंद्र पांडे ने बताया कि माता-पिता अक्सर पूछते हैं कि उनके बच्चों को किस दिशा में बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए। उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि पूर्व दिशा को सबसे अच्छा माना जाता है। पंडित जी ने कहा कि सूर्य इस दिशा का कारक है, इसलिए इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करना लाभकारी होता है।
अन्य उत्तम दिशाएं
पंडित शैलेंद्र पांडे ने यह भी बताया कि उत्तर दिशा भी पढ़ाई के लिए उत्तम है। यदि आप अपनी पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं या कक्षा में अव्वल आना चाहते हैं, तो पंडित जी द्वारा बताई गई दिशा में बैठकर पढ़ाई करें। यह स्पष्ट है कि वास्तु का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
कौन सी दिशा से बचें
पंडित शैलेंद्र पांडे ने चेतावनी दी कि छात्रों को दक्षिण दिशा में बैठकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मुंह करके पढ़ाई करना उचित नहीं है। हालांकि, यदि किसी की कुंडली में दक्षिण दिशा अनुकूल दिखाई देती है, तो इस दिशा पर विचार किया जा सकता है।
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