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आचार्य बालकृष्ण के उपाय: शुगर और अन्य रोगों के लिए जौ का उपयोग

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आचार्य बालकृष्ण के शुगर नियंत्रण के उपाय

आचार्य बालकृष्ण के शुगर नियंत्रण के उपाय: डायबिटीज को अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। सर्दियों में, डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आयुर्वेद में, आचार्य बालकृष्ण ने जौ को डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अत्यंत लाभकारी माना है। आइए जानते हैं कि जौ और अन्य घरेलू उपाय कैसे फायदेमंद हो सकते हैं।


डायबिटीज के लिए जौ का उपयोग

डायबिटीज के मरीजों के लिए आचार्य बालकृष्ण ने एक विशेष मिश्रण की सिफारिश की है:


1. सामग्री:
  • 10 ग्राम जौ
  • 5 ग्राम तिल
  • 3 ग्राम मेथी

2. विधि:
  • इन सामग्रियों को दरदरा पीसकर 500 ग्राम पानी में रातभर भिगो दें।
  • सुबह इसे मसलकर छान लें।
  • खाली पेट इस पानी का सेवन करें।

3. लाभ:

  • यह मिश्रण शुगर लेवल को नियंत्रित करता है।
  • डायबिटीज से संबंधित समस्याओं जैसे थकान और कमजोरी में राहत देता है।

मूत्र रोग के लिए जौ का उपयोग

जिन लोगों को पेशाब से संबंधित समस्याएं होती हैं, जैसे बार-बार पेशाब आना या जलन, उनके लिए जौ का उपयोग फायदेमंद है।


1. सामग्री:
  • 10 ग्राम जौ
  • 5 ग्राम तिल
  • 3 ग्राम मेथी

2. विधि:

  • इसे मिट्टी के बर्तन में भिगोकर सुबह सेवन करें।

3. लाभ:
  • शरीर की गर्मी को शांत करता है।
  • पेशाब से संबंधित समस्याएं दूर करता है।
  • मूत्र मार्ग में जलन और दाह को ठीक करता है।

खांसी और कफ के लिए जौ का उपयोग

जौ खांसी और बलगम की समस्या के लिए एक प्रभावी उपाय है।


1. विधि:
  • जौ के पंचांग (जड़, तना, पत्तियां, फूल और बीज) को जलाकर राख बना लें।
  • 1-1 ग्राम राख को सुबह-शाम शहद के साथ चाटें।
  • यदि पंचांग न मिले तो केवल जौ की राख का भी उपयोग कर सकते हैं।

2. लाभ:
  • कफ, खांसी और बलगम में राहत देता है।
  • किडनी की समस्याओं में लाभकारी।
  • पेशाब खुलकर होता है।

आयुर्वेद में जौ के अन्य फायदे 1. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी:
  • जौ का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।

2. डिटॉक्सिफिकेशन:
  • जौ का पानी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

3. शरीर की गर्मी कम करना:
  • जौ का नियमित सेवन शरीर की अधिक गर्मी को शांत करता है जिससे जलन और दाह जैसी समस्याएं ठीक होती हैं।

सावधानियां
  • जौ का सेवन करते समय संतुलित मात्रा का ध्यान रखें।
  • गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
  • उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का ही उपयोग करें।

जौ एक प्राकृतिक औषधि है जो न केवल डायबिटीज बल्कि कई अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रभावशाली है। आयुर्वेद के अनुसार जौ का सही उपयोग शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रख सकता है। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।


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