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गोल्डमैन सैक्स के भरोसा जताते ही इस ऑटो कंपनी के स्टॉक ने टच किया 52 वीक हाई लेवल, ब्रोकरेज ने दी खरीदने की सलाह

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नई दिल्ली: भारत की जानी-मानी ऑटो कंपनी Maruti Suzuki India के स्टॉक में बुधवार को तेज़ी देखने को मिली. स्टॉक में बुधवार को 1 प्रतिशत से भी ज़्यादा की तेज़ी देखने को मिली, जिससे स्टॉक ने 16,375 रुपये के अपने इंट्राडे हाई लेवल को टच किया. यह स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल भी था. यह तेज़ी इसलिए देखी गई क्योंकि गोल्डमैन सैक्स ने स्टॉक पर भरोसा जताया है और इस स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है.



ब्रोकरेज ने दी खरीदने की सलाहगोल्डमैन सैक्स ने स्टॉक पर अपने पहले की न्यूट्रल रेटिंग से अपग्रेड कर दिया है. ब्रोकरेज ने अब स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है. इसके लिए ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को 13,800 रुपये से बढ़ाकर 18,900 रुपये कर दिया है.



ब्रोकरेज ने कहा कि जीएसटी में कटौती और कीमतों में बदलाव के बाद एंट्री-लेवल कारों की बढ़ती मांग को देखते हुए उसने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को बढ़ाया है. कार निर्माता ने 30 सालों में नवरात्रि की सबसे अच्छी शुरुआत की, पहले दिन लगभग 80,000 पूछताछ और लगभग 30,000 कारों की डिलीवरी हुई.



पिछले हफ़्ते कीमतों में और कटौती की घोषणा के बाद, उसे 75,000 बुकिंग मिल चुकी है, जो औसतन प्रतिदिन 15,000 बुकिंग थीं—यह सामान्य से लगभग 50% ज़्यादा थी. ऐसा छोटी कारों की मज़बूत मांग के चलते हुआ.



जीएसटी कटौती का असरब्रोकरेज में कंपनी ने कहा कि जीएसटी कटौती के बाद कम कीमतें और कंपनी की विक्टोरिस एसयूवी और ईविटारा जैसे मॉडलों के साथ कॉम्पैक्ट एसयूवी बाजार में वापसी महत्वपूर्ण कारक हैं जो कंपनी की ग्रोथ में मदद कर सकते हैं.



ग्लोबल ब्रोकरेज ने कहा कि वित्त वर्ष 28 में नए CAFE 3 एमिजन नियम लागू होने से पहले मारुति को अपने कॉम्पिटिटर की तुलना में CO2 एमिजन का कम जोखिम है, जिससे उसे संभावित लाभ मिल सकता है.



ब्रोकरेज का अनुमानब्रोकरेज ने उम्मीद जताई है कि मारुति की बिक्री वित्त वर्ष 26 में 5%, वित्त वर्ष 27 में 12% और वित्त वर्ष 28 में 9% बढ़ेगी, जो कि इन वर्षों में इंडस्ट्री की कुल अनुमानित 4%, 8% और 9% की वृद्धि दर से ज़्यादा है.



गोल्डमैन सैक्स ने बेहतर बिजनेस परफॉरमेंस और ज़्यादा माँग की उम्मीद में वित्त वर्ष 26-28 के लिए अपने प्रॉफिट अनुमानों में 12% तक की बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब निवेशक उन कार निर्माताओं में ज़्यादा रुचि दिखा रहे हैं जिनके पास मज़बूत नए प्रोडक्ट योजनाएँ और लागत-कुशलता है, साथ ही वे नए एमिजन नियमों और बदलती ग्राहक ज़रूरतों की तरह भी हैं.



(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)

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