महाराष्ट्र के पालघर जिले में सामने आई यह वारदात दिल दहला देने वाली है। पुलिस ने एक बड़े गुप्त अभियान के बाद देह व्यापार के अंधकारमय चंगुल से बांग्लादेश की 14 वर्षीय नाबालिग को मुक्त कराया। जब पीड़िता ने एनजीओ के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया, तो हैरान कर देने वाला सच सामने आया—सिर्फ तीन महीनों में 200 से अधिक दरिंदों ने उसके साथ दरिंदगी की थी। पुलिस को अंदेशा है कि इस मामले के तार सीमापार मानव तस्करी, फर्जी पहचान पत्र और संगठित अपराध से जुड़े हैं। अब जांच एजेंसियां इस पूरे गिरोह की जड़ों तक पहुंचने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसके पीछे का मास्टरमाइंड अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है।
बांग्लादेश में रहने वाली 12 साल की पीड़ित लड़की इस डर से आरोपी रूबी बेगम और मोहम्मद खालिद बापारी के संपर्क में आई कि स्कूल में एक विषय में फेल होने पर उसके माता-पिता उसे पीटेंगे. उसके इसी डर का फायदा उठाकर रूबी अपने पति मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी की मदद से उसे अवैध तरीकों से बांग्लादेश से भारत कोलकाता ले आई.
वहां उसके निवास के फर्जी दस्तावेज बनवाए गए. इसके बाद उसे हवाई जहाज से गुजरात के नाडियाड लाया गया. वहां एक बुजुर्ग आरोपी ने उसके साथ अत्याचार किया. उसने उसकी अश्लील तस्वीरें खींच लीं और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से छह और 14 साल की लड़की सहित पांच पीड़ितों में से तीन बांग्लादेश के नागरिक हैं. उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में 33 और 32 साल की दो महिलाएं भी शामिल हैं. उन्होंने कथित तौर पर नाबालिग को बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने में मदद की थी. नायगांव पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक विजय कदम ने बताया कि अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हार्मनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने मांग की कि उन सभी 200 लोगों का पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए जिन्होंने कथित तौर पर पीड़िता का यौन शोषण किया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लड़की को समय से पहले बड़ा दिखाने के लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिए गए. मानवाधिकार कार्यकर्ता मधु शंकर ने कहा कि देश के अलग-अलग भागों से ऐसे मामले सामने आए हैं. जब पीड़ितों को अल्पवयस्क अवस्था में ही अगवा कर लिया गया और उन्हें ऐसे गिरोह चलाने वाले लोगों के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया और फिर ऐसे इंजेक्शन देकर नाबालिग अवस्था में ही देह व्यापार में धकेल दिया गया.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी (33) शामिल है, जो कथित तौर पर पीड़ितों को देह व्यापार के लिए अलग-अलग शहरों में भेजता था. इसके अलावा एजेंट जुबेर हारुन शेख (38) और शमीम गफ्फार सरदार (39) को भी गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने नाबालिग लड़की को बेहोश करने वाली दवाइयां भी दीं और उसे देह व्यापार में धकेलने के लिए गर्म चम्मच से दागा.फिलहाल, पीड़िता को उल्हासनगर स्थित बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है. नायगांव पुलिस की अलग-अलग टीमें महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर जांच कर रही हैं. वहां दलालों को ढूंढने का काम चल रहा है. हालांकि पुलिस ने अभी तक कैमरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उन्होंने बताया है कि जांच तेजी से चल रही है. एनजीओ ने मांग की है कि इस मामले के सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
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