-27,375 नये आशा कार्यकर्ताओं और फैसिलिटेटरों की होगी नियुक्ति
पटना, 02 मई (हि.स.)। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ने बीते दो दशकों में एक लंबा सफर तय किया है। एक वक्त था, जब स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सीमित थी और मातृ-शिशु मृत्यु दर चिंताजनक स्तर पर थी लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सरकार की नीतियों, आशा कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत और जन-जागरूकता अभियानों के कारण आज बिहार देश के अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा नजर आ रहा है।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने हाल ही में घोषणा की है कि अगले तीन महीनों में राज्य में 27,375 नये आशा कार्यकर्ताओं और फैसिलिटेटरों की नियुक्ति की जाएगी। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 21,009 आशा कार्यकर्ता, शहरी क्षेत्रों में 5,316 और 1,050 आशा फैसिलिटेटर शामिल हैं। इस अहम फैसले का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक जनसुलभ और प्रभावी बनाना है।
वर्तमान में राज्य में 91,281 आशा कार्यकर्ता, 4,361 आशा फैसिलिटेटर और 5,111 ममता कार्यकर्ता कार्यरत हैं। ये सभी मातृ और शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण और अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सरकार की रणनीति और भविष्य की दिशा
बिहार सरकार अब इस सुधार को और गति देने के लिए आशा नेटवर्क को और मजबूत बना रही है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने यह स्पष्ट किया है कि नई नियुक्तियों की प्रक्रिया ग्राम सभाओं और नगर निकायों के माध्यम से की जाएगी ताकि चयन स्थानीय जरूरतों के मुताबिक हो। फिलहाल वर्ष 2005 से वर्ष 2025 तक की यह यात्रा बिहार को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी
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